जैसलमेर

जीवन में आनी चाहिए धार्मिकता : चित्रलेखा

जैसलमेर में श्रीमद्भागवत कथा करने के लिए पहुंची प्रसिद्ध कथावाचक देवी चित्रलेखा ने कहा कि हम सभी के जीवन में धार्मिकता आनी चाहिए। व्यासपीठ से भी हम यही संदेश देते हैं।

जैसलमेरNov 06, 2024 / 08:50 pm

Deepak Vyas

जैसलमेर में श्रीमद्भागवत कथा करने के लिए पहुंची प्रसिद्ध कथावाचक देवी चित्रलेखा ने कहा कि हम सभी के जीवन में धार्मिकता आनी चाहिए। व्यासपीठ से भी हम यही संदेश देते हैं। आजकल लोगों के जीवन में धार्मिकता कम हो रही है। भागवत कथा या प्रवचन जैसे आयोजनों से लोगों का झुकाव धर्म की तरफ होता है। देवी चित्रलेखा ने बुधवार को स्थानीय पत्रकारों के साथ बातचीत में कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि भारत हमेशा से हिंदू राष्ट्र रहा है और हिंदुत्व के पक्ष में सभी को एकजुट होना होगा अन्यथा दूसरे इसका फायदा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि धर्म के प्रति जागरुकता आवश्यक है। हमें बिना हिंसक हुए अपनी संगठन शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म जोडऩे का काम करता है, तोडऩे का नहीं। हिंदुत्व के अंतर्गत मत अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन धर्म के मामले में एकजुटता बनी रहनी चाहिए। सनातन धर्म हमेशा ही एकता का संदेश देता है। गौरतलब है कि देवी चित्रलेखा 7 नवम्बर से जैसलमेर के भाटिया मैरिज गार्डन में श्रीमद्भागवत कथा करेंगी। मोदी (भाटिया) परिवार की ओर से आयोजित होने वाली कथा 13 नवम्बर तक चलेगी। 7 तारीख को सुबह 8 बजे स्थानीय भाटिया बगेची से शोभायात्रा निकलेगी जो मुख्य बाजारों से होते हुए भाटिया मैरिज गार्डन पहुंचेगी। वहां पर कथा अपराह्न पश्चात 3.30 से सायं 7 बजे की जाएगी।

भारत ने दुनिया को जीना सिखाया

देवी चित्रलेखा ने कहा कि भारत के ऋषि-मुनियों ने सारी दुनिया को जीना सिखाया है। प्रत्येक उम्र के व्यक्ति को सुबह मंदिर अवश्य जाना चाहिए। मंदिर जाने से उनकी मानसिकता अच्छी होगी। अगर हम देश व धर्म को समय नहीं देंगे तो हमसे समय ही छीन लिया जाएगा। कथावाचिका ने कहा कि भारत को संपूर्ण रूप से विकसित बनाना है तो शिक्षा पद्धति में बदलाव आवश्यक है। आज की शिक्षा केवल सूचनात्मक ज्ञान दे रही है लेकिन बच्चों को जीना नहीं सिखा रही है। इससे वे डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में गुरुकुल पद्धति को शामिल किया जाना चाहिए।

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