जैसलमेर

जैसलमेर के रामा गांव निवासी रवीन्द्र बने आइएएस

जिले की भौगोलिक समस्या, पिता का निधन और पारिवारिक समस्याएं भी उनके लक्ष्य को नहीं हिला पाई। जैसलमेर के रामा गांव निवासी रवीन्द्रदान चारण का भारतीय प्रशासनिक सेवा 2023 में अंतिम चयन हुआ है।

जैसलमेरOct 27, 2024 / 08:46 pm

Deepak Vyas

 मुश्किलों से सिर झुकाना है मना, हार का आंसू बहाना है मना, कौनसी रात है तो कटती नहीं, कौनसी बात है जो बनती है…। यह पंक्तियां सरहदी जिले के रवीन्द्रदान चारण पर सटीक बैठती है। दूरस्थ जिले की भौगोलिक समस्या, पिता का निधन और पारिवारिक समस्याएं भी उनके लक्ष्य को नहीं हिला पाई। जैसलमेर के रामा गांव निवासी रवीन्द्रदान चारण का भारतीय प्रशासनिक सेवा 2023 में अंतिम चयन हुआ है। शनिवार को यूपीएससी की ओर से घोषित सिविल सर्विस 2023 की रिजर्व सूची के घोषित परिणाम में रवीन्द्रदान का अंतिम चयन हुआ है। गौरतलब है कि रवीन्द्र की प्रारंभिक शिक्षा रामा गांव में हुई। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से स्नातक उतीर्ण करने के बाद उन्होंने पीटीईटी परीक्षा दी और श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में भी उच्च स्थान हासिल किया। कॉलेज प्रोफेसर की परीक्षा में हिन्दी विषय में वे पूरे प्रदेश में प्रथम रहे। मौजूदा समय में नाथद्वारा स्थित महाविद्यालय में वे सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत है। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में उनके पिता अंबादान रतनू का कैंसर से निधन हो गया था। उन्होंने पिता के सपने को पूरा करने के लिए अथक मेहनत की और आइएएस में सफलता हासिल की। रवीन्द्र ने मीरा बाई के साहित्य पर पीएचडी भी की है।

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