राजस्थान के बहार से भी आते हैं श्रद्धालु ( ramdevra mela rajasthan )
एकादशी तक लगने वाले अंतरप्रांतीय मेले में राजस्थान सहित गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कोलकाता, मद्रास, बैंगलोर, बिहार, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली आदि प्रांतों से लाखों यात्री पैदल, मोटरसाइकिल, साइकिल, बस रेल व अन्य साधनों से यहां आकर बाबा की समाधि के दर्शन करते है और अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रद्धा सहित आराधना करते है।तैयारियां हुई पूरी, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
बता दें कि इस बार बाबा रामदेव का 635वां अंतरप्रांतीय भादौ मेला शुरू होगा। जिसको लेकर समाधि समिति की सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई है। बाबा रामदेव समाधि समिति के अध्यक्ष गादीपति राव भोमसिंह तंवर ने बताया कि एक सितम्बर को मेला शुरू होगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर समिति की ओर से 125 CCTV कैमरे लगाए गए है।पाकिस्तान से भी भक्त आते हैं दर्शन के लिए
आपको बता दें कि Baba Ramdev Ji राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता हैं। बाबा का अवतरण वि.सं. 1409 को भाद्रपद शुक्ल दूज के दिन तोमर वंशीय राजपूत तथा रूणीचा के शासक अजमलजी के घर हुआ। बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक भी माने जाते हैं। भक्तों का उनके प्रति समर्पण इतना है कि पाकिस्तान से मुस्लिम भक्त भी उन्हें नमन करने भारत आते हैं।बाबा रामदेव जी का इतिहास ( History of Ramdevra Pokhran )
कहा जाता है कि जब Ramdev ji के चमत्कारों की चर्चा चारों ओर होने लगी तो मक्का (सऊदी अरब) से पांच पीर उनकी परीक्षा लेने आए। वे उनकी परीक्षा लेकर परख करना चाहते थे कि रामदेव बाबा के बारे में जो कहा जा रहा है, वह सच है या झूठ?