ऐसे समझे पास-फेल का गणित
प्रारंभिक शिक्षा के तहत कक्षा पांचवी व आठवीं में किए जाने वाले ग्रेडिंग सिस्टम में पांच तरह की ग्रेड तय है। इन पांच ग्रेडिंग को प्राप्त करने के लिए अंक भी निर्धारित किए हुए हैं। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार भले ही कक्षा आठवीं बोर्ड में किसी विद्यार्थी को अनुत्तीर्ण घोषित नहीं किया जाता है, परन्तु विद्यार्थी के 33 प्रतिशत से कम अंक रहने वाले विषय में ‘ई’ ग्रेड दी जाएगी। इसका मतलब होगा कि इस विषय की पूरक परीक्षा देनी होगी। यानि ए-बी-सी-डी ग्रेड मिली तो आठवीं पास और अगली कक्षा 9 में क्रमोन्नत होना माना जाएगा। जबकि ‘ई’ ग्रेड आने का मतलब सप्लीमेंट्री होगा और उस विद्यार्थी को संबंधित विषय की पूरक परीक्षा देनी होगी। यह भी पढ़ें – राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका, डिस्कॉम्स ने फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया