जैसलमेर

18 करोड़ वर्ष पुराना आकल फॉसिल वुड पार्क जैसलमेर का गौरव

प्रदेश में 13 अति महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण की दरकार-सर्वेक्षण की टीम ने शुरू किया भू-विरासत संरक्षण को लेकर अभियान

जैसलमेरAug 06, 2023 / 07:33 pm

Deepak Vyas

18 करोड़ वर्ष पुराना आकल फॉसिल वुड पार्क जैसलमेर का गौरव

जैसलमेर. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के माध्यम से समूचे देश में कई भू-वैज्ञानिक स्मारकों, जो कि वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, को चिह्नित किया गया है। प्रदेश में भी 13 ऐसे अतिमहत्वपूर्ण स्थल है, जिनके संरक्षण की आवश्यकता है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जयपुर से आए भू-वैज्ञानिकों की माने तो आकल गांव के पास स्थित आकल फॉसिल वुड पार्क न सिर्फ जैसलमेर का बल्कि समूचे भारत का गौरव है। उनके अनुसार इस प्रकार के जीवाश्म को सुरक्षित करने वाली जगह भारत देश में बहुत कम है। जैसलमेर के अतिप्राचीन इतिहास में झांकने का इससे अच्छा तरीका हो ही नहीं सकता। भू-वैज्ञानिक संदीपसिंह चौहान के अनुसार आकल फॉसिल वुड पार्क भारत का एक राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक है, जो राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है।इसे जैसलमेर शहर से 17 किमी दूर अकाल गांव में स्थित एक जैव-विविधता विरासत स्थल भी नामित किया गया है। वर्ष 1972 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण;जीएसआईद्ध ने इसको राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक घोषित किया था। पार्क का रख-रखाव वन विभाग की ओर से किया जाता है। यह पार्क जैसलमेर के जीवाश्म क्षेत्र में स्थित है, जो कि असंख्य जीवाश्म लकड़ी के ल_ों के लिए जाना जाता है।
जागरुकता अभियान का आगाज
आकल फॉसिल वुड पार्क पर एक दिवसीय जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया, जिसकी अगुवाई रोहनदास, निदेशक भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का साफा एवं शाल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया और स्मृति चिन्ह भेट किया गया। इस दौरान भू-वैज्ञानिकों ने भू-विरासत की अवधारणा के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि भू-विरासत स्थल अपने वैज्ञानिक व शैक्षणिक मूल्यों के साथ सौंदर्य एवं पर्यटन गतिविधियों के लिए भी जाने जाते है। भू-विरासत स्थल पृथ्वी के विकास क्रम को जानने का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है, इसके माध्यम से मानवीय सभ्यता के विकास और उत्थान का अध्ययन भी किया जा सकता है।
निदेशक रोहनदास ने आकल वुड फॉसिल पार्क की महता से अवगत कराया।
इन्होंने रखे विचार
मुख्य अतिथि व उप वन संरक्षक आशुतोष ओझा ने बताया कि भूविज्ञान विषय उनके जीवन में अति महतवपूर्ण है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य वन विभाग एवं भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ मिलकर अकाल वुड फॉसिल को विकसित किया जाएगा। विशिष्ट अतिथि व बीएसएफ के उप समादेष्टा नरेंद ने भू विज्ञान विषय की महता के बारे में बताया
अधीक्षण भू-वैज्ञानिक राजीव कुमार कश्यप ने बताया की भू-विज्ञान केवल जीवाश्म विज्ञान के बारे में नहीं है बल्कि मिनरल एक्सप्लोरेशन व अन्य कई विषय भी शामिल है। भू-जल वैज्ञानिक डॉ. एनडी इणखिया ने बताया कि भूविज्ञान एक रोचक विषय है, जिसमें कॅरियर की अपार संभावनाएं हैं। एसएम पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य गोविन्द सोनी ने छात्रों को इस विषय के बारे में जानकारी देने की बात कही। डाबला सरपंच दानसिंह ने पार्क को संरक्षित एवं सुरक्षित करने में मदद करने का आग्रह किया।

हुई प्रश्नोतरी, दिए पुरस्कार
भू-वैज्ञानिक त्रिपर्ण घोष ने बताया कि विद्यार्थियो के लिए भू विरासत आकल फॉसिल वुड पार्क विषय पर सामान्य प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया और कार्यक्रम के दौरान ही सभी विजेताओं को पुरस्कार दिए गए। इससे पूर्व भू धरोहर स्थल तक मार्च का आयोजन नरेंद्र स्वामी, वरिष्ठ भूवैज्ञानिक के निर्देशन में हुआ। भू धरोहर के संरक्षण के लिए सभी प्रतिभागियो को दिनेश जांगिड़, अधीक्षण भूवैज्ञानिक ने शपथ दिलाई। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक दिनेश जांगिड़ ने किया।

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