एक दर्जन भवनों का अभाव
पोकरण व भणियाणा क्षेत्र में बीते कुछ वर्षों में छह-छह नए पटवार सर्किल बने है। इन भवनों का अभी तक निर्माण नहीं हुआ है। ऐसे में इन पटवारियों को किराए के भवनों में रहना पड़ रहा है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। इसके साथ ही किसानों को भी इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
अधिकांश भवन क्षतिग्रस्त
पोकरण व भणियाणा क्षेत्र में कुल चार-पांच पटवार भवन ही सही व रहने लायक बने हुए है। कुछ वर्ष पूर्व नई बनी पंचायतों के भवनों में ही पटवारियों के लिए एक कक्ष बनाया गया है। इनके अलावा अन्य ग्राम पंचायत मुख्यालयों व गांवों में स्थित पटवार भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त पड़े है। यहां हालात यह है कि छतों से पानी टपक रहा है और फर्श उखड़ चुका है। दीवारों में दरारें आ जाने और पत्थर बाहर निकलने के कारण भवन जर्जर हो चुके है। जिनके हर समय गिर जाने और हादसा हो जाने का भय बना रहता है।
किराए के भवन लेना मजबूरी
क्षेत्र के पटवारियों को सरकार की ओर से मुख्यालयों पर रहने के लिए पाबंद किया गया है, जबकि भवनों के अभाव में पटवारियों को किराए के भवन लेकर रहना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें परेशानी हो रही है। इसके साथ ही किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में दूर दराज ढाणियों में किराए के भवन नहीं मिलने की स्थिति में पटवारियों को निकटवर्ती ग्राम पंचायत अथवा बड़े गांव या शहर आकर निवास करना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को अन्यत्र चक्कर लगाने में परेशानी हो रही है।
20 वर्षों से मरम्मत नहीं
राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार पोकरण क्षेत्र में 2005 में पटवार भवनों की मरम्मत व नवनिर्माण का कार्य किया गया था। इसके बाद गत 20 वर्षों से न तो नए भवन बने है, न ही पुराने भवनों की मरम्मत हुई है। ऐसे में पटवारियों का मुख्यालय पर रहना परेशानी से कम नहीं है। फैक्ट फाइल
- 38 पटवार क्षेत्र है पोकरण विधानसभा में
- 20 वर्षों से नहीं हुई भवनों की मरम्मत
- 12 पटवार मुख्यालयों पर भवनों का है अभाव
भिजवा दी गई है सूचना
जिन पटवार मंडलों में भवन नहीं है अथवा भवन क्षतिग्रस्त है, उसकी सूचना जिला कलक्टर की ओर से मांगी गई थी। नए भवनों के लिए जमीन व क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के प्रस्ताव भिजवा दिए गए है।