बढ़ाई जाएगी गश्त और पेट्रोलिंग
ऑपरेशन अवधि में सीसुब की तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पैदल जवानों, वाहनों के साथ रेगिस्तान के जहाज कहलाने वाले ऊंटों पर सवार होकर गश्त बढ़ाई जाएगी। किसी भी तरह की अवांछनीय हरकत को रोकने और सीमा पार से घुसपैठ जैसे किसी भी नापाक मंसूबे को विफल करने के लिए सुरक्षा प्रबंधों को चाक-चौबंद किया जाएगा। अभियान के दौरान सुरक्षा प्रहरियों को विशेष सतर्कता बरतने व हर सूचना से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाने के दिशा निर्देश दिए जाते हैं। जानकारी के अनुसार सीसुब के सेक्टर और बटालियन मुख्यालय से रिजर्व जाब्ते और कार्यरत अधिकारियों, साजो-सामान को सीमा पर भेजा जाता है।
अतिरिक्त नफरी की तैनाती होगी
ऑपरेशन सर्द हवा के दौरान सीमा क्षेत्र में अतिरिक्त नफरी तैनात की जाती है। बटालियन और सेक्टर मुख्यालयों पर नियुक्त सीमा सुरक्षा बल के जवानों को तारबंदी की निगरानी के लिए भेजा जाता है। सीमा क्षेत्र में किसी भी तरह के अंतराल को भरा जाता है। सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को कई चरणों में विभक्त कर उसे और ठोस बनाने पर जोर दिया जाता है। साथ ही ऑपरेशन के दौरान सीमा पर आधुनिक हथियारों और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल कर सीमा सुरक्षा प्रणाली को नए दौर की चुनौतियों से निपटने में जवानों व अधिकारियों को भी निपुण बनाने की कोशिश की जाती है।
बीते साल बढ़ाई थी अवधि
देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए प्रथम रक्षापंक्ति के तौर पर काम करने करने वाले सीमा सुरक्षा बल ने बीते साल भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में ऑपरेशन सर्द हवा अभियान की अवधि को बढ़ाया था। गौरतलब है कि बल ने यह अभियान 19 से 27 जनवरी तक निर्धारित किया था। उसके बाद गहरे कोहरे और कडकड़़ाती सर्दी के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल ने अभियान को 31 जनवरी तक बढ़ाया था।
कड़ी की जाएगी सुरक्षा व्यवस्था
हर बार की भांति गणतंत्र दिवस से पहले सीमा सुरक्षा बल की तरफ से इस बार भी ऑपरेशन सर्द हवा का संचालन किया जाएगा। इस दौरान बल की अधिकतम नफरी बॉर्डर पर तैनात की जाएगी। अधिकारी भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सीमा पर पहुंचेंगे।