मरूस्थलीय जैसलमेर जिले में प्रचंड गर्मी के चतले सीमा पर तैनात बल के जवानों को हीटस्ट्रॉक से बचाने की भी चुनौती बल प्रशासन के सामने है। बालू रेत के टीलों में कई बार तापमान 50 डिग्री से आगे जाकर इंसान के लिए असहनीय स्तर तक पहुंच जाता है। सीमाओं की रक्षा के लिए हर मौसम में खुले आसमान के नीचे ड्यूटी करने वाले जवान इन दिनों पूरे शरीर को ढक कर आग उगलते सूरज से लोहा ले रहे हैं। जवानों को सजग होकर ड्यूटी देने के साथ गर्मी से बचाव करने की हिदायतें बल के अधिकारियों की ओर से दी जा रही है। जवानों को तापघात से बचाने के लिए हरसंभव उपाय अपनाया जा रहा है।
सीमा सुरक्षा बल (BSF jawan patrolling) के पास तापमान बताने वाले जो उपकरण हैं, वे 50 डिग्री (jawan patrolling in 50 degree temperature) तक ही तापमान बता पाते हैं। उससे अधिक तापमान होने पर उपकरण काले पड़ जाते हैं। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार फिलहाल यही स्थिति है। पिछले कई दिनों से सीमा चौकियों पर लगे उपकरण काले हो रहे हैं। मतलब साफ है कि पारा 50 डिग्री को पार कर गया है। इतना ही नहीं बीएसएफ के जवान बॉर्डर पर तापमान बताने वाली घड़ियां भी लेकर बैठे हैं, जिसमें पिछले कुछ दिनों से पारा 50 से 52 डिग्री तक पहुंच रहा है।