जैसलमेर

1000 से अधिक कुरजाओं ने 5 माह बाद भरी स्वदेश की ओर उड़ान

-विदेशी पक्षी कुरजा सर्दी के मौसम मेंं राजस्थान में करती है प्रवास-लाठी क्षेत्र में पहुंचती है हर वर्ष 2 हजार से अधिक कुरजाएं

जैसलमेरApr 04, 2021 / 04:26 pm

Deepak Vyas

1000 से अधिक कुरजाओं ने 5 माह बाद भरी स्वदेश की ओर उड़ान

जैसलमेर/लाठी. सरहदी जिले के लाठी क्षेत्र में गत पांच माह से डेरा डाले बैठी कुरजा पक्षियों (डेमोइसेल क्रेन) ने फिर से गंतव्य स्थान की ओर रुख कर लिया है। उधर, पक्षी प्रेमियों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है। गौरतलब है कि विदेशी पक्षी कुरजां सर्दी के मौसम मेंं राजस्थान में प्रवास करती है। लाठी क्षेत्र में 2 हजार से अधिक कुरजाएं प्रवास करती है। सर्दी के मौसम के ढलने के साथ ही लाठी क्षेत्र से ये पक्षी रवाना होने शुरू हो गए हैं। वन्य जीव विशेषज्ञों की ओर से अब तक 1 हजार कुरजां गंतव्य स्थान की आरे रुख कर चुकी है। कुरजां विशेष रूप से कजाकिस्तान, मंगोलिया, चीन, रूस आदि क्षेत्र में पाई जाती है। ये सर्दी के मौसम में ही रहती है और कीट आदि खाकर अपना जीवनयापन करती है। अक्टूबर से फररवरी तक इन क्षेत्रों में सर्दी का असर कम हो जाने तथा राजस्थान में सर्दी का असर बढऩे के साथ कुरजां यहां आ जाती है,जो चार से पांच माह तक यहां निवास करने के बाद पुन: स्वदेश का रुख करती है। क्षेत्र में करीब दो हजार कुरजाओं ने प्रवास किया। लाठी सहित लोहटा तालाब,चांधन स्थित नाडी, भादरिया स्थित तालाब, चाचा, खेतोलाई सहित क्षेत्र के आसपास इन कुरजाओं को देखा गया। पांच माह तक इन कुरजाओं ने यहां प्रवास किया।

मौसम बदलते ही विदाई
सर्दी के मौसम में सुबह की सूर्य की किरणें के साथ कुरजां की चहक से गुलजार होने वाले क्षेत्र अब सूने होने लगे है। गर्मी की दस्तक के साथ ही कुरजां ने अपना रुख स्वदेश की ओर कर लिया है। एक हजार कुरजां यहां से लौट चुकी है तो शेष कुरजां धीरे-धीरे लौट रही है। प्रवासी पक्षी कुरजां वतन वापसी से पूर्व एक निश्चित ऊंचाई पर उड़ती है और गर्म हवा का आभास होते ही यहां लौट जाती है।
-राधेश्याम विश्नोई, वन्य जीव प्रेमी
बारिश नहीं होना भी वजह
मौसम के बदलाव के साथ पश्चिमी राजस्थान में कई जगह कुरजां का प्रवास रहता है। प्रतिवर्ष बारिश व क्षेत्र के कई तालाबों में पानी भरा होने के कारण छह से सात हजार तक कुरजां यहां आकर डेरा डालती है। इस वर्ष बारिश नहीं होने तथा कुछ तालाबों में ही पानी होने के कारण करीब दो हजार कुरजां ने क्षेत्र में प्रवास कियाएजो अब लौटने लगी है।
-जगदीश विश्नोई, क्षेत्रीय वन अधिकारी, वन विभाग, लाठी

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