पाक सीमा से सटी सरहद पर बसे तनोट बॉर्डर क्षेत्र में अदम्य साहस और बुलंद हौसला रखने वाले जवानों में देशभक्ति का ज्वार उफान पर है, वहीं तनोट माता के प्रति आस्था का सैलाब भी चरम पर है। सरहद पर बसे तनोट मंदिर में जब पत्रिका टीम ने एक जवान से उसकी भावनाएं जाननी चाही तो उसने बस यही कहा – माना वह दूर किनारा है, फिर सागर ने ललकारा है, यूं बैठे रहना हाथ बांध वीरों को नहीं गंवारा है..।
यह कहकर उसने चुप्पी साध ली। सरहद पर बसा मंदिर देश भर के श्रद्धालुओं की भी श्रद्धा का भी केन्द्र है। मंदिर में व्यवस्थाओं का मुख्य जिम्मा सीसुब के जवानों के पास ही है और उन्हें यकीन है कि माता के आश्रय में दुश्मन न तो उनका बाल बांका कर सकता है और न ही कोई आपदा ही उनका अहित कर सकती है।
नफरी बढ़ी, पेट्रोलिंग में इजाफा
जब पत्रिका टीम पाक सीमा से सटे बबलियानवाला बॉर्डर क्षेत्र में पहुंची तो पाया कि सीमा के उस पार पाकिस्तान रेंजर्स का मूवमेंट बढ़ा है, ऐसे में सीसुब ने चैक पोस्ट सहित तमाम सीमा चौकियों पर नफरी बढ़ा दी है। जीरो लाइन पर पेट्रोलिंग में इजाफा किया गया है। उनके हाव भाव से यह साफ दिख रहा था कि जवान सरहद की रक्षा करने को लेकर संकल्पित हैं और उनके जोश में कोई कमी नहीं है।
वे संयम से ड्यूटी दे रहे हैं, लेकिन यदि किसी ने देश की सीमा का लांघने का प्रयास किया तो वे माकूल जवाब देने से हिचकिचाएंगे भी नहीं। कश्मीर से लेकर जैसलमेर के रेगिस्तान और गुजरात के रण क्षेत्र तक में ड्यूटी करने का अनुभव ले चुके सुरक्षा प्रहरियों से अधिकारी भी सतत रुप से फीड बेक ले रहे हैं।