जैसलमेर

जमीन मिली, अब शुरू होगा ट्रॉमा सेंटर का कार्य

– 12 बीघा जमीन स्वीकृत, बजट मिलते ही निर्माण कार्य होगा शुरू- ट्रॉमा सेंटर से चिकित्सा सुविधाओं में होगा विस्तार

जैसलमेरJul 05, 2021 / 05:06 pm

Deepak Vyas

जमीन मिली, अब शुरू होगा ट्रॉमा सेंटर का कार्य

पोकरण. लम्बे समय से क्षेत्रवासियों की चल रही ट्रॉमा सैंटर की मांग अब शीघ्र पूरी होगी। राज्य सरकार की ओर से बजट में की गई घोषणा के बाद प्रशासन व चिकित्सा विभाग की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिसके अंतर्गत प्रथम चरण में भूमि आवंटित कर दी गई है। शीघ्र ही बजट मिलते ही भवन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिससे परमाणु नगरी के चिकित्सा सेवाओं के इतिहास में नया अध्याय जुड़ेगा। साथ ही क्षेत्र के वाशिंदों को भी नई सौगात मिलेगी। गौरतलब है कि भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले के प्रवेश द्वार माने जाने वाला पोकरण दो राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा हुआ है। सामरिक, ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टिकोण से भी पोकरण महत्वपूर्ण स्थल हैै। विस्तृत भू-भाग में फैले पोकरण विधानसभा क्षेत्र में आए दिन सड़क दुर्घटनाओं के दौरान बड़ी संख्या में लोग घायल होते है। इसके अलावा अन्य हादसों में भी घायलों को इलाज के लिए पोकरण लाया जाता है, लेकिन यहां पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं होने के कारण मरीजों व घायलों को जोधपुर रैफर करना पड़ता है। इसी को लेकर लम्बे समय से क्षेत्रवासियों की ओर से पोकरण में ट्रॉमा सैंटर की स्थापना की मांग की जा रही थी। राज्य सरकार की ओर से गत वर्ष बजट के दौरान घोषणा करने के बाद अब कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
इसलिए थी आवश्यकता
– सामरिक रूप से पोकरण में सेना व बीएसएफ की स्थायी छावनियां स्थित है। ऐसे में देश के कोने-कोने से सेना व बीएसएफ के जवान यहां आते है। जिनके वाहनों की चहल पहल लगी रहती है। जिनसे कई बार हादसे हो जाते है।
– पोकरण से निकलते ही जैसलमेर की तरफ देश की महत्वपूर्ण व बड़ी पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज स्थित है। यहां वर्षभर युद्धाभ्यास होता रहता है। थल व वायुसेना की ओर से विकसित किए जाने वाले नए हथियारों, बमों व अन्य उपकरणों का परीक्षण भी यहीं पर होता है।
– इस दौरान कई बार हादसा हो जाने पर सैनिक व जवान घायल भी हो जाते है। जिन्हें इलाज के लिए पहले पोकरण लाया जाता है। यहां पर्याप्त उपचार नहीं मिलने पर उन्हें जोधपुर ले जाना पड़ता है।
– धार्मिक रूप से क्षेत्र के रामदेवरा गांव में लोकदेवता बाबा रामदेव की कर्मस्थली स्थित है। यहां वर्षभर में 40 लाख से अधिक श्रद्धालु आते है। ***** मेले के दौरान सड़क हादसों की संख्या बढ़ जाती है। इन घायलों को भी पहले पोकरण और बाद में जोधपुर ले जाना पड़ता है।
– दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होने तथा पर्यटन स्थल स्वर्णनगरी के नाम से विख्यात जैसलमेर जाने वाले पर्यटक भी पोकरण से होकर गुजरते है। सीजन के दौरान प्रतिदिन सैंकड़ों पर्यटक यहां से गुजरते है। जिनके वाहन कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की स्थिति में घायलों को पोकरण लाया जाता है।
– सीमावर्ती जिले में बड़ा ट्रॉमा सैंटर कहीं पर भी नहीं है। ऐसे में जिले में कहीं पर हादसा हो जाने पर प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर ले जाना पड़ता है। जिनका मिड-वे पोकरण रहता है।
– इसी को लेकर लम्बे समय से पोकरण में ट्रॉमा सैंटर की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
2009 में देखा सपना, अब लेने लगा मूर्त रूप
वर्ष 2008 में परिसीमन के दौरान पोकरण अलग से विधानसभा बनी तथा कांग्रेस से शाले मोहम्मद पहले विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने वर्ष 2009 में पोकरण में ट्रॉमा सैंटर का सपना संजोया। उस समय चिकित्सा मंत्री दुर्रूमियां ने पोकरण पहुंचकर जमीन का चयन किया तथा कार्रवाई शुरू की, लेकिन यह सपना कागजों में ही दफन हो गया। वर्ष 2018 में पुन: शाले मोहम्मद विधायक निर्वाचित हुए और सरकार में केबिनेट मंत्री बने। उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत कर बजट में पोकरण को ट्रॉमा सैंटर की सौगात दिलाने की मांग की। गत वर्ष घोषणा भी हो गई।
12 बीघा भूमि की गई स्वीकृत
पोकरण में ट्रॉमा सैंटर के लिए 12 बीघा भूमि आवंटित की गई है। जिला कलक्टर की ओर से पोकरण कस्बे में जैसलमेर रोड पर आरटीडीसी मिड-वे के सामने व उरमूल परिसर के पास राजस्व भूमि में से 12 बीघा भूमि ट्रॉमा सैंटर के लिए दी गई है। यहां सरकार की ओर से शीघ्र ही बजट आवंटित होने पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
मिलेगी बेहतर चिकित्सा सुविधा
सरकार की ओर से ट्रॉमा सैंटर की घोषणा के बाद प्रशासन की ओर से भूमि आवंटित कर दी गई है। सरकार से शीघ्र ही बजट आवंटित करवाकर भवन का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। ट्रॉमा सैंटर के निर्माण से क्षेत्र के वाशिंदों को बेहतर चिकित्सा सुविधा व सेवा मिल सकेगी।
– शाले मोहम्मद, मंत्री अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण विभाग व विधायक, पोकरण।

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