जैसलमेर:शादियों की धूम, शुभ मुहूर्तों में 600 जोड़े बंधेंगे विवाह बंधन में….15 करोड़ का होगा व्यापार
देवोत्थान एकादशी के साथ मांगलिक कार्यक्रमों विशेषकर विवाह समारोहों की धूम जैसलमेर शहर सहित जिले भर में देखी जा रही है। गत 11-12 तारीख से शादियों की शुरुआत हुई, जो चालू महीने की 22 तारीख को परवान पर होगी।
देवोत्थान एकादशी के साथ मांगलिक कार्यक्रमों विशेषकर विवाह समारोहों की धूम जैसलमेर शहर सहित जिले भर में देखी जा रही है। गत 11-12 तारीख से शादियों की शुरुआत हुई, जो चालू महीने की 22 तारीख को परवान पर होगी। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ 300 से ज्यादा जोड़े इस दिन अग्नि के इर्द-गिर्द फेरे लेकर विवाह के बंधन में बंध जाएंगे। इसी तरह से नवम्बर में ही 23, 24, 25, 26, 28 तारीख को भी विवाह के मुहूर्त हैं। वहीं दिसम्बर महीने की शुरुआत ही शादियों की धूम से होगी, जो मध्य तक चलेगी क्योंकि उसके बाद मल मास का आगाज होगा। दिसम्बर माह में 2, 3, 4, 5, 9 , 10 , 11, 13, 14, 15 तारीख को विवाह का मुहूूर्त है। कुल मिलाकर 800 से ज्यादा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के जोड़े जीवन के अहम माने जाने वाले विवाह संस्कार को अंगीकार करेंगे और एक अनुमान के अनुसार इस दौरान बाजार में 15 करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय होगा। अगले साल जनवरी में शादी के लिए 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26, और 27 तारीख को विवाह के मुहूर्त हैं तो उसके बाद फरवरी में शादी के लिए शुभ 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 18, 19, 21, 23, और 25 तारीख के मुहूर्त बताए जाते हैं। गौरतलब है कि दिवाली के बाद देवोत्थान एकादशी से खत्म हुए चौमासा के बाद से मांगलिक कार्यक्रमों की धूमधाम शुरू हुई है। इन सावों में सैकड़ों परिवार विवाह कार्यक्रम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गत वर्ष जहां विवाह के बहुत कम मुहूर्त थे, वहीं इस बार यह कमी नहीं होने से अवश्य लोगों को राहत मिली है क्योंकि उन्हें अपेक्षाकृत आसानी से विवाह समारोह के लिए भवन, रसोइयों व अन्य कामगारों आदि की सेवाएं मिल रही हैं। करीब 600 जोड़ें इस दौरान विवाह बंधन में बंधेंगे। घर-घर मांगलिक गीतों की धूम मची है। जैसलमेर शहर के साथ गांवों में भी शादियां खर्चीली होने लगी हैं व स्थानीय तथा प्रवासी लोग डेस्टिनेशन वेडिंग से लेकर डिजाइनर शादियों के प्रति रुझान दिखा रहे हैं। बड़े भोज, लकदक परिधानों के साथ रंगीन रोशनियों की सजावट से शादी कार्यक्रमों के आयोजन स्थलों का दमकना तय है।
व्यवसाय में भी तेजी
- शादियों के सीजन से स्वर्णनगरी सहित जिले के बड़े कस्बों के बाजारों में भी तेजी का रुख शुरू हो गया है। ज्वैलर्स, कपड़ा, खाद्य सामग्री विक्रेताओं से लेकर डीजे, टेंट, हलवाई, कैटरिंग का कार्य करने वालों से लेकर सामान्य मजदूरों के पास काम की कमी नहीं है।
- एक अनुमान के अनुसार जिले के बाजारों से लेकर यहां की शादियों के कारण जोधपुर, सूरत, अहमदाबाद, जयपुर आदि के बाजारों में करीब 20 करोड़ रुपए का प्रवाह होगा।
- सावे की धूम आगामी 16 दिसम्बर से 14 जनवरी तक मल मास होने से थम जाएगी। बाद में जनवरी के दूसरे पखवाड़े और फरवरी में लगातार मांगलिक कार्यक्रम होंगे।
हर किसी की मांग में टेंट
कई तारीखों को शादी के मुहूर्त होने से जैसलमेर में सामुदायिक भवनों व आयोजन स्थलों की पिछले साल के जैसे कमी वाले हालात नहीं हैं। वैसे शहर में भी अब कई शादियां घरों के आसपास टेंट लगाकर संपन्न हो जाती हैं। विगत वर्षों से टेंट लगाकर मांगलिक कार्य संपन्न करवाए जाने का चलन खासा बढ़ चुका है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले शादी समारोहों में भी टेंट, डीजे, आरओ का पानी, स्तरीय हलवाई और अन्य साज-सज्जा बढ़-चढ़ कर की जा रही है। गांवों में भी घरों व सामुदायिक भवनों को रोशनियों से सजाया-संवारा जा रहा है। बारात ले जाने के लिए बड़े पैमाने पर वाहनों की जरूरत भी रहती है। अब हलवाइयों से लेकर अन्य मजदूर भी बड़ी संख्या में बाहर से बुलाने की नौबत आ गई है।
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