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जैसलमेर

5 करोड़ की जगह 5 लाख का भी नहीं हो रहा व्यवसाय, ठिठके सैलानियों के पांव

सीमांत मरुस्थलीय जैसलमेर के धोरे भीषण गर्मी के कारण पुरजोर ढंग से तप रहे हैं और आसमान से आग-सी बरस रही है। ऐसे मौसम में देशी-विदेशी सैलानियों ने भी स्वर्णनगरी से दूरी बना ली है। सर्दी के मौसम में विभिन्न खास मौकों पर पर्यटकों के हुजूम उमड़े पड़े थे, तब पर्यटकों को रहने-खाने से लेकर घूमने तक में दरों में कटौती के प्रस्तावों से रिझाने का प्रयास किया गया लेकिन यह दांव काम नहीं आता नजर आ रहा है।

जैसलमेरMay 07, 2024 / 08:36 pm

Deepak Vyas

wather report
सीमांत मरुस्थलीय जैसलमेर के धोरे भीषण गर्मी के कारण पुरजोर ढंग से तप रहे हैं और आसमान से आग-सी बरस रही है। ऐसे मौसम में देशी-विदेशी सैलानियों ने भी स्वर्णनगरी से दूरी बना ली है। सर्दी के मौसम में विभिन्न खास मौकों पर पर्यटकों के हुजूम उमड़े पड़े थे, तब पर्यटकों को रहने-खाने से लेकर घूमने तक में दरों में कटौती के प्रस्तावों से रिझाने का प्रयास किया गया लेकिन यह दांव काम नहीं आता नजर आ रहा है। वर्ष भर में करीब 1500 करोड़ का टर्न ओवर करने वाले जैसलमेर के पर्यटन उद्योग पर भीषण गर्मी ने खुलकर असर दिखाना शुरू कर दिया है। मई के माह के पहले सप्ताह में ही भीषण गर्मी से एक तरफ यहां के बाशिंदों को पसीने से तरबतर रहने के लिए विवश कर दिया है तो दूसरी ओर पर्यटन पर ग्रहण लगा दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि जैसलमेर में गत दिनों तापमान 40 डिग्री से नीचे चल रहा था, एकाएक उसमें उछाल आ गया है और वह 42…43 के दायरे को पार कर 44 डिग्री पार पहुंच गया है।

पर्यटन स्थलों से गुम हुई रौनक

  • स्वर्णनगरी के विभिन्न मार्गों के साथ पर्यटन स्थलों व पर्यटन से जुड़े प्रतिष्ठानों में भी सन्नाटा पसरा हुआ नजर आता है।
  • पर्यटकों के विदा होने के बाद शहर के सोनार दुर्ग सहित अन्य स्थलों पर स्थित होटलों, रेस्टोरेंट्ïस, हैंडीक्राफ्ट के शोरूम, साइबर कैफे और अन्य दुकानें सूनी दिखाई दे रही हैं।
  • गर्मी के मौसम में जैन मंदिर, हवेलियां और पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने जो इक्का-दुक्का पर्यटक पहुंचते भी हैं, वे जितना जल्दी संभव हो, अपनी होटल के कमरे में पहुंचना चाहते हैं।
  • सैलानियों की रेलमपेल न होने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की ग्राहकी प्रभावित हुई है। अप्रेल बीतने के बाद गर्मी में तेजी पर्यटकों को स्वास्थ्य के लिहाज से भी रास नहीं आ रहा है।
  • इन दिनों सोनार किले पर भ्रमण के लिए आने वाले सैलानियों की संख्या में काफी कमी हुई है। कलात्मक सुन्दरता के लिए विश्व स्तर पर मशहूर पटवा हवेलियों के आसपास भी कमोबेश सन्नाटा पसरा है।
  • कम बजट वाले मामूली संख्या में आने वाले सैलानियों को छोड़ दिया जाए तो यहां पर्यटकों की आवक थम सी गई है।
  • ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब में पानी की कोई कमी नहीं है लेकिन यहां नौकाएं ग्राहकी के इंतजार में खड़ी देखी जा सकती हैं।
  • आगामी समय में अगर पश्चिमी विक्षोभ या किसी और कारण से गर्मी में अगर कमी आती है तो पूर्व के दिनों की भांति देशी सैलानियों की थोड़ी-बहुत आवक संभव हो सकती है।

फैक्ट फाइल

  • 03 महीने अप्रेल से जून में माना जाता है पर्यटन का ऑफ सीजन
  • 1500 करोड़ का टर्न ओवर रहता पर्यटन व्यवसाय का
  • 50 से 100 तक रहती है पर्यटकों की प्रतिदिन आवक

सीजन हो गया है ऑफ

जैसलमेर पर्यटन में ऑफ सीजन एक तरह से विधिवत तौर पर शुरू हो गया है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो जैसलमेर में सैलानियों की आवक लगभग थम गई है। भीषण गर्मी का मौसम पर्यटकों को रास नहीं आ रहा।
  • ऐश्वर्य कुमार, पर्यटन व्यवसायी

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