क्षेत्र के भीखोड़ाई निवासी डूंगर जोशी की पत्नी ने 25 जनवरी की रात दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। प्रसूति वार्ड में बच्चों को सर्दी से बचाव के लिए हीटर लगाया गया। हीटर की तेज गरमी से एक नवजात का चेहरा व हाथ गंभीर रूप से झुलस गया।
आनन फानन में रेफर
परिजनों ने बताया कि जीएनएम ने मध्यरात्रि बाद करीब ढाई बजे नवजात का हाथ व चेररा जला देखा तो उसके हाथ-पांव फूल गए। उसने आनन फानन में बच्चे को ऑक्सीजन की कमी बताई और चिकित्सक से जोधपुर रेफर करवा दिया। परिजन को जलने की जानकारी नहीं दी। जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में चिकित्सकों ने परिजनों पर बच्चे को जलाने का शक जताया तो होश उड़ गए। परिजनों ने पूरी तसल्ली दी तो उसे भर्ती कर उपचार शुरू किया गया।
जताया विरोध तो किया एपीओ
परिजन शुक्रवार को पोकरण अस्पताल पहुंचे और घटना को लेकर रोष जताते हुए विरोध किया। अस्पताल के प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ.अनिल गुप्ता ने परिजनों से समझाइश की और मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया। साथ ही संयुक्त निदेशक को मामले से अवगत करवाकर उनके निर्देश पर जीएनएम पूनम को एपीओ कर उसका मुख्यालय जोधपुर किया गया।
उपखंड अधिकारी ने जांची व्यवस्थाएं
मामले की जानकारी मिलने पर शनिवार को दोपहर उपखंड अधिकारी गोपाल परिहार भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीएमओ डॉ.गुप्ता से घटना की जानकारी ली। साथ ही प्रसव कक्ष, प्रसूति व बच्चों के भर्ती वार्डों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए।