राजकीय जवाहिर अस्पताल में विशेषज्ञ की कमी
जिले के मनोरोग मरीजों के लिए चिंता की सबसे बड़ी बात यह है कि जैसलमेर के प्रमुख राजकीय जवाहिर अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ का पद खाली है। कुछ समय पहले यहां तैनात कनिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ की मृत्यु के बाद से यह पद रिक्त पड़ा है। पोकरण के कार्यरत मनोरोग चिकित्सक की ओर से जिला मुख्यालय पर एक दिन सेवाएं देने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।योग और संयमित जीवनशैली से मिलेगी राहत
अध्ययनों के अनुसार मानसिक रोगों का इलाज केवल दवाओं से संभव नहीं है। हृदय रोगों के बाद मानसिक बीमारियां सबसे तेजी से बढऩे वाली समस्याओं में से एक हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक रोगों से बचने के लिए योग, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। मनोरोग से ग्रस्त व्यक्ति अपने मित्रों और परिवारजनों से बातचीत करें, सकारात्मक अनुभवों पर ध्यान दें और किसी योग्य मनोचिकित्सक की सलाह लें। यह उपाय न केवल मानसिक शांति प्रदान करेंगे, बल्कि रोगों को भी नियंत्रित कर सकते हैं।मोबाइल और इंटरनेट एडिक्शन का बढ़ता खतरा
जैसलमेर में मानसिक रोगों के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट एडिक्शन के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह समस्या अब किशोरों में भी देखने को मिल रही है, जो तकनीकी लत के कारण सामाजिक और मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। इस लत से बचने के लिए समय पर परामर्श और जागरूकता जरूरी है।इलाज व जीवन शैली में सुधार जरूरी
मानसिक रोगों की बढ़ती समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। समय पर इलाज और जीवनशैली में सुधार से इस संकट को काबू में किया जा सकता है। -डॉ. जितेन्द्र नाराणिया, मनोरोग विशेषज्ञ