जैसलमेर

Great deception- बड़े धोखे है इस राह पर चलना जरा संभल के

लाखों खर्च के बाद सौन्दर्य की बजाए गंदगी देख लौट रहे मेहमान, भारी ‘जिम्मेदारों’ की लापरवाही

जैसलमेरOct 13, 2016 / 02:24 pm

jitendra changani

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जैसलमेर. स्वर्णनगरी में पर्यटन सीजन शुरू होने के साथ साथ ही देशी-विदेशी सैलानियों का हुजूम उमड़ रहा है। दीपावली पर्व भी नजदीक है और इसको लेकर शहर में रौनक भी दिखनी शुरू हो गई है। बावजूद इसके हकीकत यह है कि स्वर्णनगरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर अव्यवस्थाओं व असुविधाओं का हाल बना हुआ है। अभी तक स्वर्णनगरी को निखारने के लिए किसी से सुध नहीं ली है। राजस्थान पत्रिका टीम की ओर से की गई पड़ताल में निराशाजनक स्थिति देखने को मिली। स्वर्णनगरी के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग के परकोटे की फ्लड लाइटें बंद होने से रात के समय दूर से नजर आने वाला दुर्ग नजर ही नहीं आता। जिस दुर्ग की सुन्दरता को निहारने यहां देसी-विदेशी पर्यटक दूर-दूर से आते हैं, उन्हें इस प्रकार रात्रि में दुर्ग को देखकर मायूस होना पड़ रहा है। स्वर्णनगरी के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की लंबे समय से रात्रि में बंद फ्लड लाइटें अभी तक जगमग नहीं हो पाई है। यह बात छिपी हुई नहीं है कि दुर्ग की लाइटों को लगातार जलाए रखने के लिए जिला प्रशासन बार-बार संबंधित संबंधित जिम्मेदारों को पाबंद करता रहा है। जानकारी के अनुसार दुर्ग के परकोटे की दीवार की मरम्मत का कार्य चल रहा है। इस वजह से लाइटों का कनेक्शन काटा गया है। हकीकत यह भी है कि किले की गोपा चौक पुलिस चौकी के पास की बाहरी दीवार का काम चल रहा था, जो अब दीवार गिरने से बंद कर दिया गया है। यह क्षेत्र बमुश्किल ५०-६० फीट का है। कायदे से जहां काम चले, वहीं की लाइटों को बंद करवाया जाना चाहिए था, लेकिन आनन-फानन में नगरपरिषद ने दुर्ग के सभी 99 बुर्जों के निचले हिस्सों में लगी लाइटों को बंद करवा दिया है । 
सौन्दर्यीकरण पर ग्रहण

स्वर्णमयी आभा के कारण सात समंदर पार से पर्यटकों को आकर्षित कर रही थी, वहीं अब जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते गंदगी व अव्यवस्थाओं का पर्याय बनता जा रहा है। शहर की बड़ी कॉलोनियों व आम रास्तों पर उगी झाडिय़ां इन राहगीरों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रही है। दीवाली नजदीक है, लेकिन शहर की बस्तियों, कॉलोनियों व आम रास्तों की स्थिति बदहाल है।
– जैसलमेर रेलवे स्टेशन

– रोडवेज का जैसलमेर- बाड़मेर बस स्टैंड।

– इन्द्रा गांधी कॉलोनी

– जयनारायण व्यास कॉलोनी

– गफूर भट्टा कच्ची बस्ती।

– गीता आश्रम कच्ची बस्ती
– गांधी कॉलोनी

– पुलिस लाइन कच्ची बस्ती

नजर चूकी तो दुर्घटना घटी 

जैसलमेर की सडक़ों पर क्षतिग्रस्त रास्तों में आवाजाही करना दुश्वार हो गया है। पर्यटन व त्योहारी सीजन में भी उधेडी हुई सड़क़ों की किस्मत नहीं बदली है। उधड़ी हुई सडक़ों पर बने गड्ढ़े भी आमजन के लिए दुर्घटना का सबब बने हुए हैं। न यहां वाहन चलाना आसान है और न ही पैदल आवाजाही करना। 
स्वर्णनगरी में गंदगी का राज

जैसलमेर के विभिन्न मार्गों व सार्वजनिक स्थलों पर सफाई व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है, वहीं स्वच्छ भारत के सपने की हकीकत भी बयां हो रही है। स्वच्छंद विचरण करते आवारा पशु, गंदगी के ढेर और ओवरफ्लो का पानी..। यह नजारा आए दिन देखा जा सकता है। हकीकत यह है कि स्वर्णनगरी की सफाई व्यवस्था को सुधारने के अब तक के प्रयास सफल साबित नहीं हो पाए हैं। उधर, पर्यटन स्थलों पर भी सफाई व्यवस्था की संतोषजनक नहीं कही जा सकती। कलात्मक सुंदरता को निहारने आने वाले पर्यटक जब शहर के मार्गों से होकर गुजरते है तो उन्हें आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ती है। गंदगी की समस्या के कारण सैलानियों को भी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ओवरफ्लो की एक वजह पॉलीथिन का उपयोग अधिक है, इस ओर ध्यान देने की जरुरत है। 
ये तो आपको झेलना ही पड़ेगा

दीपावली पर्व शुरू होने में चंद दिन बचे हैं, लेकिन आवारा पशुओं के स्वच्छ विचरण की परेशानियों से अभी तक निजात नहीं मिल पाई है। सडक़ के मुख्य मार्ग पर आवारा पशु आपस में भिड़ जाते हैं, जिससे यहां से गुजरने वाले राहगीरों व वाहनचालकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वैसे नगरपरिषद की ओर से गत दिनों आवारा पशुओं की धरपकड़ के लिए अभियान शुरू किया गया था, लेकिन चार दिन बाद ही फुस्स हो गया। शहर में गोपा चौक, गड़ीसर गेट, हनुमान चौराहा, सदर बाजार, जिंदानी चौकी, गांधी चौक, स्वर्णनगरी चौराहा आदि में पशुओं का स्वच्छंद विचरण देखा जा सकता है। ये पशु दुकानों व गोदामों में घुसकर सामान को नुकसान पहुंचा देते हैं, वहीं राहगीरों को भी घायल कर देते हैं। 
दुर्ग की व्यवस्था चौपट

स्वर्णनगरी के सोनार दुर्ग के दशहरा चौक पर बेतरतीब वाहनों से हर दिन अव्यवस्थाओं का माहौल बन जाता है। यातायातकर्मियों की लापरवाही से परेशानियों में इजाफा हो रहा है। इन दिनों पर्यटन सीजन पर तिपहिया वाहनों की रोक होने के बावजूद बेरोकटोक नियमों को ताक पर रखकर एक साथ दर्जनों तिपहिया वाहन दुर्ग की घाटियों पर दौड़ते व उतरते देखे जा सकते हैं। ऐसे में कई बार हादसे की आशंका बन जाती है। 
बड़े धोखे हैं राह पर 

शहर में जगह-जगह खुले गड्ढ़े व सीवरेज के क्षतिग्रस्त ढक्कन भी हादसे का सबब बने हुए है। न किसी का इस ओर ध्यान है और न ही किसी ने इस संबंध में सुधार की ही जरुरत समझी है। शहर के मुख्य चौराहों और सडक़ों पर बनी सीवरेज लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है, तो इसके खुले ढक्कन दुर्घटना को न्योत रहे हैं।
अटका सौन्दर्यीकरण

दीपावली से पूर्व व पर्यटन सीजन के आगाज के बावजूद नगरपरिषद ने नहीं ली सौन्दर्यीकरण कार्यों की सुध नहीं ली है। यहां बदहाल डिवाइडर्स व क्षतिग्रस्त थंबलियों से खतरा बना हुआ है। कहीं टूटी थंबली तो गायब गुमटी, डिवाइडर्स की दुर्दशा तो कहीं क्षतिग्रस्त थंबलियों को देखकर यह अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है कि पर्यटन सीजन व दीपावली पर्व से पहले जैसलमेर में सौन्दर्यीकरण कार्यों को लेकर कितनी शिथिलता बरती जा रही है। इन दिनों जैसलमेर के डेडानसर मार्ग, इंदिरा कॉलोनी मार्ग, गांधी कॉलोनी मार्ग, सहित कई प्रमुख रास्तों पर रोड डिवाइडर्स की बदहाली को देखा जा सकता है। अधिकांश चौराहों के सर्किल की रेलिंग क्षतिग्रस्त दिखाई दे रही है।
करवाएंगे प्रयास 

दीपावली से पूर्व स्वर्णनगरी को निखारने के लिए प्रयास किए जाएंगे। शहर में सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आवारा पशुओं की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जाएगा। सभी अव्यवस्थाओं को जल्द ही दुरुस्त कर दिया जाएगा। 
-कविता खत्री, सभापति, नगरपरिषद जैसलमेर 

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