कथा से आना चाहिए जीवन में परिवर्तन
देवी चित्रलेखा ने कहा कि भगवान के नाम जप से मानव का कल्याण होता है। हम भागवत कथा सुने और हमारे जीवन में कोई परिवर्तन न आए तो कथा बारम्बार सुननी चाहिए। आज कथा के समापन के बाद कल से आपके जीवन में इसका परिणाम नजर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कथा का हमारे जीवन पर कोई असर नहीं पड़े तो हमें साधु संग बढ़ाना चाहिए। संत-महापुरुषों के संग रहने से मन में भक्ति की लौ जलती है। कथा का फल कृष्ण चरण रति की प्राप्ति हुआ करती है। हमें सारा जीवन कथा श्रवण में बिताना चाहिए क्योंकि त्रेता युग में श्रीराम आए और चले गए। द्वापर में कन्हैया आए और चले गए लेकिन उनकी कथा आज तक हमारे साथ चलती है। बुधवार को कथा के समापन अवसर पर कृष्ण-राधा की झांकी के साथ पुष्पों की होली खेली गई। जिसमें भक्तजनों ने जम कर पुष्पों की होली खेली। देवी चित्रलेखा ने श्रीकृष्ण से संबंधित कई भजनों की प्रस्तुति दी। उपस्थित श्रद्धालु भी झूम उठे।