जैसलमेर

पानी का सैलाब बहा ले गया 15 करोड़ का व्यवसाय !

स्वर्णनगरी और सम-खुहड़ी आदि के पर्यटन व्यवसायी इस बार बहुत शिद्दत से पानी की मार अनुभव कर रहे हैं।

जैसलमेरSep 01, 2024 / 07:51 pm

Deepak Vyas

स्वर्णनगरी और सम-खुहड़ी आदि के पर्यटन व्यवसायी इस बार बहुत शिद्दत से पानी की मार अनुभव कर रहे हैं। पड़ौसी गुजरात और राजस्थान के अपने शहरों में पिछले दिनों के दौरान भारी मात्रा में मानसूनी बारिश और अनेक जगहों पर बाढ़ जैसे हालात बन जाने से जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले सैलानियों की तादाद में एकदम से कमी आ गई। बीते अगस्त माह में स्वतंत्रता दिवस से लेकर दूसरे पखवाड़े में हजारों की संख्या में गुजराती और अन्य राज्यों के देशी पर्यटकों के आगमन की संजोई गई उम्मीदें धूमिल हो गई। अभी तक भी हालात सामान्य नहीं हो पा रहे हैं। हालत यह है कि जन्माष्टमी पर्व पर पूरे सौराष्ट्र क्षेत्र में पांच दिनी अवकाश की अवधि में हर बार की तुलना में इस बार जैसलमेर आने वाले गुजराती बुश्किल एक-चौथाई ही पहुंच सके। इसका सबसे बड़ा कारण यही रहा कि वहां के सबसे बड़े शहरों अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, राजकोट, जूनागढ़ आदि क्षेत्रों में पिछले दिनों के दौरान भारी बारिश का कहर बरपा रहा। जानकारी के अनुसार इससे वहां के बाशिंदों को अपने घरों-प्रतिष्ठानों व गोदामों आदि में पानी के पहुंच जाने से व्यापक नुकसान का भी सामना करना पड़ा। ऐसी दशा में गुजराती पर्यटक जो अधिकांशत: व्यापारिक समुदाय से संबंधित होते हैं, भ्रमण के लिए हर बार की तुलना में बहुत कम संख्या में ही निकल सके। माना जा रहा है कि इस वजह से जैसलमेर पर्यटन को कम से कम 15 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

यातायात के मार्गों का भी संकट

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के अनुसार गुजरात में अतिवृष्टि के अलावा राजस्थान के भी अनेक क्षेत्रों में मानसून की व्यापक बारिश हुई है। इससे आवाजाही के मार्गों के बाधित होने की समस्या भी उत्पन्न हुई। यहां तक कि अनेक शहरों से जोधपुर तक आने वाले रेल मार्गों में व्यवधान आने से टे्रनों का रूट परिवर्तित किया गया। कई टे्रनें निरस्त भी करनी पड़ी। पर्यटक अपने घर से भ्रमण के लिए तभी निकलता है जब उसे किसी तरह के जोखिम की आशंका नहीं रहती। इस बार उल्टा हुआ। समाचार माध्यमों से लोगों तक रास्तों में पानी भर जाने या सडक़ों के टूट जाने जैसी बातें पहुंची और यही कारण है कि वे भ्रमण के लिए घरों से नहीं निकल सके।

रोजगार पर असर

जैसलमेर के पर्यटन क्षेत्र को भारी बारिश से पर्यटकों की आवक में कमी का गहरा दंश झेलना पड़ा है। जैसलमेर के होटल्स व सम आदि के रिसोटर््स में अगस्त के सीजन को देखते हुए सारी तैयारियां की गई थी। सीजन की संभावना के मद्देनजर स्टाफ भी भरा गया लेकिन सीजन के सुस्त रह जाने से कई जगहों पर स्टाफ सदस्यों को अस्थायी तौर पर छुट्टी दी गई तो लोक कलाकारों, केमल सफारी करवाने वालों से लेकर अन्य ऐसे लोग जो पर्यटकों की संख्या के आधार पर ही रोजगार पाते हैं, इससे वंचित रह गए। ऐसे ही हालात जैसलमेर के रेस्टोरेंट संचालकों को भी झेलने पड़े हैं। उन्होंने अच्छी ग्राहकी की उम्मीद में हजारों-लाखों रुपए का निवेश किया और अब उन्हें निराशा का सामना करना पड़ रहा है।

अब आगे क्या

स्वतंत्रता दिवस से लेकर रक्षाबंधन और जन्माष्टमी आदि का सीजन तो पिट गया है। वर्तमान में रामदेवरा आने वाले दर्शनार्थियों की भीड़ थोड़ा बहुत व्यवसाय करवा रही है। आगामी दिनों में एक पखवाड़े तक सितम्बर में श्राद्धपक्ष रहेगा। उस अवधि में पर्यटकों की संख्या में बहुत कमी देखी जाती है। ऐसे में पर्यटन व्यवसाय को अब शारदीय नवरात्रा से उम्मीद है, जो अक्टूबर माह की 3 तारीख से शुरू होगा। ऐसे ही 1 अक्टूबर को दिल्ली व मुम्बई के लिए नियमित विमान सेवा शुरू होने से यहां का पर्यटन चमक सकेगा।

अनपेक्षित नुकसान हुआ

अगस्त माह में भारी बारिश की वजह से गुजराती सैलानियों के आगमन में बड़ी कमी आई है। इससे यहां के पर्यटन व्यवसाय को अनपेक्षित नुकसान हुआ है।

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