जैसलमेर

सैकड़ों वर्षों से शिवभक्तों की श्रद्धा का केंद्र है सोनार दुर्ग पर रत्नेश्वर महादेव मंदिर

– पीत पाषाणों पर कलात्मकता का भी जीवंत स्वरूप- सैलानी भी देखकर हो जाते हैं भाव विभोर

जैसलमेरJul 30, 2023 / 08:35 pm

Deepak Vyas

सैकड़ों वर्षों से शिवभक्तों की श्रद्धा का केंद्र है सोनार दुर्ग पर रत्नेश्वर महादेव मंदिर

जैसलमेर. भगवान शिव की आराधना का प्रमुख सावन मास चल रहा है और इस दौरान शिवालयों में रोजाना और विशेषकर प्रत्येक सोमवार को हजारों की संख्या में भक्त दर्शन लाभ व जलाभिषेक करने के लिए उमड़ रहे हैं। वैसे तो इस सीमांत जिले में अनेक प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं लेकिन उनमें जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग के कुंड पाड़ा में अवस्थित सैकड़ों साल प्राचीन रत्नेश्वर महादेव मंदिर की छटा अलहदा ही है। विशालकाय पीत पाषाणों से निर्मित यह मंदिर नगर आराध्य कहे जाने वाले लक्ष्मीनाथजी के मंदिर के पास में अवस्थित है। यहां पीले पत्थर की विशाल शिवलिंग पर जलाभिषेक और वहां बैठ कर शिवभक्ति में लीन भक्तों के मंत्रोच्चारण से अनुपम वातावरण निर्मित होता है। कहा जाता है कि इस अलौकिक अनुभव को भक्त वहां पहुंचकर ही अनुभव कर सकते हंै। सुनहरे पीले पत्थरों पर बारीक नक्काशीदार और सूक्ष्म कार्य इस प्राचीन मंदिर की भव्यता और बढ़ गई है। भगवान शिव से जुड़े आयोजनों के कारण यह जन-जन की आस्था का केन्द्र भी बना हुआ है। पूर्वाभिमुख इस मंदिर में उत्तर एवं दक्षिण दिशाओं से सीढिय़ों से प्रवेश की व्यवस्था है। वास्तु योजना में क्रमिक तौर पर मंदिर में मुख मण्डप, प्रवेश गलियारा, कक्षासन एवं प्रदक्षिणा पथ वाला स्तम्भ युक्त मण्डप तथा गर्भगृह है। उत्तरी एवं दक्षिणी हिस्सों में पाŸव देवताओं के लिए स्थान नियत है। स्तम्भ युक्त मण्डप में एक शिवलिंग स्थापित है, वहीं मुख्य देवता गर्भगृह में विराजमान है। मण्डप की छत का अन्दरुनी हिस्सा कुंडलीकार हैं, जबकि गर्भगृह क्रमश: घटते क्षेत्रफल वाले पाषाण पटिकाओं के वलय के रुप में (कॉरवेल्ड) है। प्रवेश द्वार को शिव, विष्णु मालाधारी यक्षों व अन्य गणों के अंकन से सुसज्जित किया गया है। ललाट बिम्ब पर ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश की प्रतिमा उकेरी गई है। मंदिर के दक्षिणी भाग में एक अन्य नागर शैली का लघु देवालय स्थित है।
पूरा माहौल शिवमय
सावन मास में प्रतिदिन सुबह के समय यहां शिव-स्तुति के समवेत स्वरों में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया जाता है। रूद्रीपाठ के स्वर मंत्रों से समूचा वातावरण शिवमय हो जाता है। सोमवार यहां श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ उमड़ती है। आस्था का केन्द्र होने के साथ-साथ यह शिव पर्यटकों के लिए भी वर्षों से आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। मंदिर के सुंदर स्थापत्य शिल्प को देशी-सैलानी इसको निहारते हैं और इसकी यादों को कैमरे में कैद कर ले जाते हैं।

Hindi News / Jaisalmer / सैकड़ों वर्षों से शिवभक्तों की श्रद्धा का केंद्र है सोनार दुर्ग पर रत्नेश्वर महादेव मंदिर

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.