जैसलमेर

पथरा गई आंखे, अब तक शुरू नहीं हुआ मिड-वे

पोकरण कस्बे के समीप गोडावण मिड-वे को शुरू करने का इंतजार अब तक इंतजार ही बना हुआ है। मिड-वे जैसलमेर व बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग की दोनों तरफ की सडक़ों को जोड़ते हुए जोड़ता है।

जैसलमेरJul 22, 2024 / 08:18 pm

Deepak Vyas

पोकरण कस्बे के समीप गोडावण मिड-वे को शुरू करने का इंतजार अब तक इंतजार ही बना हुआ है। मिड-वे जैसलमेर व बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग की दोनों तरफ की सडक़ों को जोड़ते हुए जोड़ता है। जानकारों के अनुसार यदि पोकरण कस्बे को पर्यटन के रूप में पहचान मिलती तो इसका महत्व अलग ही होता। हकीकत यह है कि पर्यटन विभाग ने करीब एक दशक पहले गोडावण मिड-वे को पूरी तरह से बंद कर दिया है। वर्ष 2019-20 में पर्यटन विभाग ने बंद पड़े गोडावण मिडवे को पुन: शुरू करने की दिशा में पहल की थी, लेकिन बीच में कोराना काल आने से मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

वित्त विभाग को सौंपा

पर्यटन विभाग ने कुछ समय पहले परमाणुनगरी में बंद पड़े गोडावण मिडवे की जमीन व इस पर हुए निर्माण कार्य का डीएलसी दर पर वित्तीय आंकलन कर सम्पत्ति को राज्य सरकार के वित्त विभाग को करीब 56 करोड़ रुपए में दे दिया गया है। अब गोडावण मिडवे की इस सम्पत्ति पर वित्त विभाग का अधिकार हो गया है। पर्यटन विभाग का अधिकार नहीं रहा है। वित्त विभाग इस भवन का किस रूप में उपयोग ले अब यह वित्त विभाग पर निर्भर है।

ऐसा रहा मिड-वे का सफर

वर्ष 1984 में केन्द्रीय नागरिक व उड्डयन मंत्री रहे अशोक गहलोत के हाथों से इस भवन का शिलान्यास किया गया था तथा 6 जनवरी 1988 को गोडावण मिडवे चालू हो गया था। वर्ष 2018 में आमदनी से अधिक खर्च की स्थिति में इसे बंद कर दिया गया।

इन सुविधाओं से युक्त था मिड-वे

लाल पत्थर से निर्मित गोडावण मिडवे के इस भवन में आठ कमरे, डायनिंग हॉल, किचन रूम, स्टाफ के रहने के लिए क्वाटर, जरनेटर गैराज, पानी का टूयबवेल के अलावा 23 बीघा जमीन पर मजबूत चारदीवारी का निर्माण कार्य किया हुआ है। गोडावण मिड-वे पोकरण के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक कूम्पसिंह चम्पावत के अनुसार मिड-वे की अपनी एक अहमियत थी पोकरण को पर्यटन रुप में विकसित करने में ऐसे स्थल सहायक होते हैं। वर्तमान में इस हालात में देख कर दु:ख होता है।

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