केवल 30 इकाइयां ही कार्यरत
औद्योगिक क्षेत्र में सुविधाओं व प्रोत्साहन के अभाव में अब तक नाममात्र की इकाइयां ही चल रही है। बाकि सब भूखंड लंबे समय से खाली पड़े है। लंबे समय से रीको की ओर से आवंटित किए गए भूखंडों पर अभी तक पत्थर की फैक्ट्रियां, पानी का आरओ प्लांटए मिर्च मसाला फैक्ट्री, आटा फैक्ट्री, मूंगफली दाना निकालने की फैक्ट्रीए इमारती लकड़ी के कारखाने व आरा मशीन सहित करीब 30 इकाइयां ही कार्यरत है। मूलभूत सुविधाओं व उद्योग विभाग की प्रोत्साहन की कमी के चलते यहां अन्य औद्योगिक इकाइयां विकसित नहीं हो पा रही है।
उचित देखभाल का अभावरीको क्षेत्र में बनाई गई सडक़ों की गुणवत्ता सही नहीं होने, समय पर रख रखाव व मरम्मत नहीं होने के कारण ये सडक़ें निर्माण के कुछ दिन बाद ही बारिश में क्षतिग्रस्त हो गई है। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र में रीको की ओर से लगाई गई अधिकांश सोडियम लाइटें भी बंद पड़ी है और कई लाइटें व विद्युत पोल टूटकर धराशायी हो गए है।
पेयजल की नहीं कोई व्यवस्था
रीको में प्रत्येक औद्योगिक इकाई तक नल कनेक्शन करने के लिए विभाग की ओर से 2022 में 79 लाख रुपए की राशि जलदाय विभाग में जमा करवाई गई थी, लेकिन अभी तक पाइपलाइन लगाने का कार्य शुरू भी नहीं हो पाया है। इस संबंध में इकाई संचालकों की ओर से कई बार जिम्मेदारों को अवगत करवाया गयाए लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सुविधाओं की कमी से परेशान
रीको में वर्षों से सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। सडक़ें क्षतिग्रस्त है और रात में लाइट की व्यवस्था नहीं है। पानी भी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। जबकि अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है।
-गजेन्द्र माली, औद्योगिक इकाई संचालक रीको, पोकरण