जैसलमेर

बुजुर्गों को देना पड़ रहा है खुद के जीवित होने का प्रमाण, 30 महीने से पेंशन के लिए काट रहे चक्कर

क्षेत्र के करीब 200 बुजुर्ग वृद्धावस्था पेंशन के लिए गत करीब 30 महीने से चक्कर काट रहे हैं। इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।अधिकारियों की ओर से आनन फानन में वार्षिक सत्यापन के दौरान फर्जी अथवा मृत बता दिए जाने से इन बुजुर्गों को अब अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।

जैसलमेरMay 24, 2023 / 01:11 pm

Kirti Verma


पोकरण/नाचना. क्षेत्र के करीब 200 बुजुर्ग वृद्धावस्था पेंशन के लिए गत करीब 30 महीने से चक्कर काट रहे हैं। इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।अधिकारियों की ओर से आनन फानन में वार्षिक सत्यापन के दौरान फर्जी अथवा मृत बता दिए जाने से इन बुजुर्गों को अब अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। गौरतलब है कि सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता विभाग के माध्यम से वृद्धों को पेंशन राशि दी जाती है। जिनका प्रतिवर्ष सत्यापन किया जाता है। ब्लॉक स्तर पर पंस के माध्यम से पेंशन स्वीकृति का कार्य होता है। गत कोरोनाकाल के दौरान इन पेंशनधारियों का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया। कोरोनाकाल के बाद नवंबर 2021 में सरकार की ओर से वार्षिक भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान समिति क्षेत्र में कई वृद्धों की पेंशन बंद हो गई, जो अभी तक शुरू नहीं हुई है।

जीवित होने का प्रमाण, लेकिन पेंशन बंद
क्षेत्र के करीब 200 वृद्ध जीवित है और उनके पास जीवित प्रमाण पत्र भी है, लेकिन गत 30 महिनों से उनकी पेंशन स्वीकृत नहीं हो पा रही है। जानकारी के अनुसार जीवित प्रमाण पत्र के साथ पंस कार्यालय में आवेदन करने के बाद बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाता है, लेकिन वृद्धजनों के अंगुलियों की रेखाएं मिट चुकी है। इस कारण उनका बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो पा रहा है।

यह भी पढ़ें

7 साल की मासूम की 38 साल के शख्स से शादी, ‘फिल्मी अंदाज़’ में चला राजस्थान पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन

1400 जनों को बताया था मृत अथवा फर्जी
सरकार की ओर से सत्यापन के आदेश के बाद जिम्मेदारों की ओर से करीब 1400 जनों को मृत अथवा फर्जी बताया गया और उनकी पेंशन बंद हो गई। वर्ष 2022 में बायोमेट्रिक के माध्यम से सत्यापन करने के आदेश के बाद पंस में लगाए गए शिविरों में करीब 1200 जनों ने सत्यापन करवाया। इससे उनकी पेंशन शुरू हो गई, लेकिन 200 जने आज भी भटकने को मजबूर है।

यह भी पढ़ें

राजस्थान में गड़बड़ाया बाघों का डीएनए, जिंदगी होने लगी कम, ये है बड़ा कारण

Hindi News / Jaisalmer / बुजुर्गों को देना पड़ रहा है खुद के जीवित होने का प्रमाण, 30 महीने से पेंशन के लिए काट रहे चक्कर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.