दरअसल, मोहनगढ़ में यह घटना तब हुई जब खेत में ट्यूबवेल की खुदाई 800 फीट तक पहुंची। जैसे ही पाईप निकाले जा रहे थे, जमीन से पानी अपने आप ऊपर उठने लगा। पानी इतनी तेज़ी से निकला कि आसपास के खेत पानी में डूब गए। हजारों लीटर पानी खेत में जमा हो गया और खेत एक तालाब में तब्दील हो गया।
विशेषज्ञों ने बताया सरस्वती नदी का चैनल
इस रहस्यमयी घटना के बाद भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास ईणखिया ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि यह भूजल का सामान्य रिसाव नहीं हो सकता। उन्होंने इसे लुप्त सरस्वती नदी के चैनल से जोड़ते हुए संभावना जताई कि यह घटना सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह के संकेत हो सकते हैं। डॉ. नारायण दास ईणखिया ने कहा कि यह घटना भूजल प्रवाह का असामान्य उदाहरण है। उन्होंने इसे सरस्वती नदी के प्राचीन चैनल का संभावित हिस्सा बताया। भूजल के इस तरह से उभरने से यह संभावना बनती है कि यह क्षेत्र कभी सरस्वती नदी का हिस्सा रहा हो।
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