गौरतलब है कि डीआरडीओ की तरफ से पिनाका रॉकेट लॉन्चर प्रणाली का निरंतर विकास किया गया है। गुरुवार को किए गए परीक्षण के दौरान डीआरडीओ व सेना के अधिकारी मौजूद रहे। डीआरडीओ ने पीएसक्यूआर वेलिडेशन टेस्ट के भाग के रूप में निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षणों को टेस्ट किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की प्रशंसा की और कहा कि इससे सशस्त्र बलों की तोपखाने की मारक क्षमता में और इजाफा होगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन परीक्षणों के दौरान, रॉकेट के व्यापक परीक्षण के माध्यम से ‘प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट यानी पीएसक्यूआर के मापदंडों, जैसे कि रेंजिंग, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड में कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की दर का आंकलन किया गया है।
12 रॉकेट का किया गया परीक्षण
जानकारी के अनुसार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, डीआरडीओ ने पीएसक्यूआर वेलिडेशन टेस्ट के भाग के रूप में निर्देशित पिनाक हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि लांचर उत्पादन एजेंसियों द्वारा अपग्रेड किए गए दो इन-सर्विस पिनाक लांचर से कुल 12 राकेटों का परीक्षण किया गया है।
दुश्मनों का काल है पिनाक
पिनाक हथियार सिस्टम, दुश्मनों के लिए काल बनकर टूटेगा। इसकी मारक क्षमता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। अब ये 75 किलोमीटर दूर तक 25 मीटर के दायरे में सटीक निशाना लगा सकता है। इसकी रफ्तार 1000-1200 मीटर प्रति सेकेंड है, यानी एक सेकेंड में एक किलोमीटर। फायर होने के बाद इसे रोकना नामुमकिन है। पहले पिनाक की मारक क्षमता 38 किलोमीटर थी, जो अब बढकऱ 75 किलोमीटर हो जाएगी। इसकी सटीकता भी पहले से कई गुना बेहतर हुई है।