जैसलमेर

विकास का खाका खींचा, अब धरातल पर उतारने की चुनौती

-नगरपरिषद बोर्ड के कार्यकाल का एक साल पूरा-कोरोना काल में बाधित हुआ कामकाज

जैसलमेरNov 26, 2020 / 01:25 pm

Deepak Vyas

विकास का खाका खींचा, अब धरातल पर उतारने की चुनौती

जैसलमेर. स्वर्णनगरी के नाम से मशहूर जैसलमेर में शहरी सरकार यानी नगरपरिषद बोर्ड के कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया है। इस अवधि में राजनीतिक चुनौतियों मिली तो कोरोना काल भी हावी रहा। इस दौरान करोड़ों रुपए की लागत वाले विकास और जनसुविधा वाले कार्य मंजूर किए गए हैं। सभापति हरिवल्लभ कल्ला की अगुवाई वाले बोर्ड की ओर से जैसलमेर के भावी विकास और सौन्दर्यकरण का खाका जो कागजों में खींच लिया है, उसे आने वाले समय में समयबद्ध ढंग से पूरा करवाने की चुनौती होगी। शहर में साफ-सफाई के क्षेत्र में अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। पिछले दिनों के दौरान रात्रि में मुख्य स्थलों की सफाई अवश्य शुरू हुई है, लेकिन कचरे के ठोस निस्तारण की योजना को अमलीजामा पहनाया जाना बाकी है। आवासीय भूखंडों की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को सौगात के रूप में पूर्व विधायक गोवद्र्धन कल्ला के नाम पर कॉलोनी आवंटित करने का बड़ा निर्णय लिया जा चुका है। इसका जल्द से जल्द वास्तविक जरूरतमंदों को लाभ दिलाना भी एक चुनौती होगी।
सड़कों की सूरत सुधरी
शहर के मुख्य मार्गों व गलियों.मोहल्लों में सड़क निर्माण व मरम्मत तथा दाबड़ी लगाने के कार्य को गिनाया जा सकता है। इससे शहरवासियों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिली है। इसी तरह से वार्ड क्षेत्रों में नाली, फर्श व रात्रि लाइट व्यवस्थाओं में सुधार आया है। अब भी कई वार्डों में जरूरी कार्य या तो करवाए जा रहे हैं अथवा बाकी हैं। शहर में रात्रि प्रकाश के लिए नई लाइटें लगवाई जा चुकी हैं। मोनेटरिंग की कमी के चलते कई इलाकों में आए दिन अंधेरा छाया रहता है। पेयजल आपूर्ति के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर लाइनें बिछाई जा चुकी है। इससे शहर में पेयजल वितरण व्यवस्था पहले के मुकाबले मजबूत हुई है।
मानवीय मोर्चे पर कार्य
नए सभापति हरिवल्लभ कल्ला के कामकाज संभालने के साढ़े तीन महीनों बाद मार्च के दूसरे पखवाड़े में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण विकट संकट के हालात बन गए। देशव्यापी लॉकडाउन का असर स्वर्णनगरी के बाशिंदों पर भी पड़ा और बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर व स्थानीय कामगार बेरोजगार हो गए। हजारों की संख्या में इन लोगों के लिए दोनों वक्त के भोजन की व्यवस्था नगरपरिषद के नेतृत्व में की गई। शहर में तीन जगहों पर जनसहयोग से मुख्यमंत्री जन रसोइयों का संचालन किया गया। परिषद के सभापति सहित पार्षदों, अधिकारियों व कार्मिकों ने लगातार तीन महीनों तक जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था की। इस मानवीय कार्य के लिए उनकी तारीफ भी हुई। लोगों ने भी उदारतापूर्वक सहयोग किया और इन रसोइयों के संचालन के लिए 30 लाख रुपए से ज्यादा की राशि एकत्रित की गई।
बजट पारितए कमेटियों का गठन
नए बोर्ड ने समय पर बैठक बुलाकर बजट पारित करवा दिया। इसके बाद विभिन्न कमेटियों का गठन भी समय पर कर लिया गया। गत दिनों एक और आम बैठक में करोड़ों के विकास कार्यों को मंजूरी दिलाने के साथ भविष्य में सौ सफाईकर्मियों की भर्ती करनेए आवासीय कॉलोनी आवंटन, गड़ीसर सहित शहर के प्रमुख चौराहों के सौन्दर्यकरण के निर्णय लिए गए। उम्मीद के विपरीत यह बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हई। जबकि इससे पहले राजनीतिक खींचतान और कांग्रेस के दो धड़ों में संतुलन बैठाने में नए बोर्ड का खासा समय जाया हो चुका था।

नगरपरिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला से सीधी बात
पत्रिका- एक साल के कार्यकाल को किस तरह से देखते हैं ?
सभापति- अपनी ओर से शहर के विकास और आमजन को मूलभूत सुविधाएं दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सबके सहयोग से जन अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे, यह विश्वास दिलाता हूं।
पत्रिका- विकास कार्यों की क्या स्थिति है?
सभापति- मेरे एक साल के कार्यकाल में ही करीब बीस करोड़ रुपए के विकास कार्य मंजूर हो चुके हैं। सभी वार्डों में समान रूप से कार्य मंजूर किए हैं। पेयजल वितरण व्यवस्था को करोड़ों रुपए खर्च कर सुधारा गया है। सड़कों की दशा सुधरी है। जवाहर कॉलोनी में करीब पांच करोड़ की लागत से विद्युतीकरण का कार्य करवाया जा रहा है। नई कॉलोनियों में सड़कों के कार्य भी चल रहे हैं। विभिन्न समाजों के श्मशान स्थलों का विकास भी करवाया जाना है।
पत्रिका- कांग्रेस की गुटबाजी कितनी बड़ी परेशानी है?
सभापति- हमारी पार्टी पूरी तरह से एक है। मुझे केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और जैसलमेर विधायक रूपाराम मेघवाल का पूरा सहयोग मिला है। इसके अलावा कांग्रेस संगठन तथा नगरपरिषद के सभी पार्टियों व निर्दलीय सदस्यों का पूर्ण सहयोग मिल रहा है।
पत्रिका- कोरोना संकट से कैसे निपटे ?
सभापति- इस महामारी की घड़ी में नगरपरिषद ने सभी शहरवासियों के सहयोग से जरूरतमंदों की जो सेवा की, इसका सबसे ज्यादा संतोष है। हमने तीन जन रसोइयों से 3.53 लाख भोजन पैकेट वितरित किए। इसके अलावा दो समाजों की तरफ से हमें 82 हजार 988 पैकेट उपलब्ध करवाए गए। उनका भी स्थानीय व प्रवासी जरूरतमंदों को वितरण किया।

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