सिंधी घोड़ों के विकास और नस्ल सुधार से क्षेत्र को मिलेगी नई पहचान : शाले मोहम्मद
जैसलमेर. पश्चिमी जिलों जैसलमेर बाड़मेर में बहुतायत में सिंधी नस्ल के घोड़ों को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिल सकेगी। भारत में रेगिस्तान के घोड़े के रूप में मशहूर कच्छी-सिंधी घोड़े की नस्ल को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर की ब्रीड रजिस्ट्रेशन समिति ने गत 4 अगस्त 2018 को पंजीकृत किया है। हरियाणा के करनाल स्थित राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो एनबीएजीआर के वैज्ञानिकों की ओर से इसे पंजीकृत कराया गया था। नेशनल कॉन्फेडरेशन इंडीजेनस हॉर्स सोसायटी के समन्वयक कर्नल सर प्रतापसिंह सिंह और राजस्थान एकवेसट्रियन संघ के प्रदेशाध्यक्ष रघुवेन्द्रसिंह डुन्डोल ने जैसलमेर पहुंच सिंधी घोड़ों के विकास और नस्ल सुधार को लेकर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद के साथ बैठक की। बैठक में जैसलमेर ऑल इंडिया सिंधी हॉर्स सोसायटी के गठन की जानकारी देने के साथ लम्बे समय से अनदेखी का शिकार हो रहे सिंधी घोड़ों की नस्ल के संरक्षण और विकास को लेकर कार्य पर लंबी चर्चा की। बैठक में सभापति हरिवल्लभ कल्ला, राव लोकेन्द्रसिंह चौहान, चितलवानमा, चंदनसिंह भाटी, भवानीसिंह भाटी, लक्ष्मणसिंह तंवर, श्यामसिंह भायल, महंत भगवान भारतीलाल सिंह सांखला सहित कई लोग उपस्थित थे। इस मौके पर लम्बे समय से घोड़ों के संरक्षण के कार्य में जुटे भवानीसिंह भाटी को कर्नल सर प्रताप सिंह ने अल्पसंख्यक मंत्री शाले मोहम्मद, रघुवेन्द्रसिंह डंडोल, राव लोकेन्द्र सिंह की उपस्थिति में घोड़ा भेंट किया।
ऑल इंडिया सिंधी हॉर्स सोसायटी का गठन
जैसलमेर में आल इंडिया सिंधी हॉर्स सोसायटी का गठन किया गया, जिसमे नेशनल कॉन्फेडरेशन इंडीजेनस हॉर्स सोसायटी के समन्वयक कर्नल सर प्रतापसिंह राव को चेयरमेन, लोकेन्द्रसिंह चौहान चितलवाना जालोर अध्यक्ष, लालसिंह सांखला कोषाध्यक्ष और चन्दन सिंह भाटी को सचिव नियुक्त किया गया। इसके साथ ही रावत त्रिभुवन सिंह राठौड़, विक्रमसिंह नाचना, हाजी अब्दुल कलां को संरक्षक, भवानीसिंह भाटी, संजय भाई सूरत, चैनकरण करणोत उपाध्यक्ष, शक्तिक सिंह जडेजा, कच्छ गुजरात, सवनीतसिंह पंजाब, अब्दुल्ला इस्माइल खान, गफूर भाई अहमदाबाद और रूपसिंह राठोड खारा, अचलसिंह देचू, हसन खान तामलियार, गुलाम खान जाजारा, कंवराजसिंह सोढ़ा को सदस्य मनोनीत किया गया।
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