जैसलमेर

मोर्चरी में व्यवस्थाओं की ‘मौत’, नवनिर्माण पर अब टिकी समाधान की आस

जैसलमेर जिले के राजकीय जवाहिर चिकित्सालय में बनाए गए मोर्चरी कक्ष में जहां शवों को रखा जाता है, वहां पहुंचने पर पता चलता है कि यहां कई तरह की जरूरी व्यवस्थाओं ने वर्षों से दम तोड़ रखा है।

जैसलमेरOct 21, 2024 / 08:39 pm

Deepak Vyas

जैसलमेर जिले के राजकीय जवाहिर चिकित्सालय में बनाए गए मोर्चरी कक्ष में जहां शवों को रखा जाता है, वहां पहुंचने पर पता चलता है कि यहां कई तरह की जरूरी व्यवस्थाओं ने वर्षों से दम तोड़ रखा है। बीती रात एक निजी कम्पनी में कार्यरत बाहरी व्यक्ति की जब ह्रदयगति रुकने से मौत हो गई तब उसके शव को मोर्चरी में रखवाया जाना था। उसके साथी कर्मचारी जब वहां शव लेकर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि मोर्चरी में लाइट ही नहीं है और न ही शव को सुरक्षित रखे जाने के लिए डीप फ्रीज की व्यवस्था है। जानकारी के अनुसार इन बाहरी लोगों ने जिला स्तर के अस्पताल में इतनी अनिवार्य न्यूनतम व्यवस्थाओं के नहीं होने के लेकर नाराजगी जताइ, लेकिन यह सब यहां पिछले कई वर्षों से चल रहा है। दरअसल किसी भी मोर्चरी में डीप फ्रीज एक सबसे बुनियादी जरूरत का सामान होता है। जिसमें शवों को -10 से -50 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर सुरक्षित रखा जाता है। इतना कम तापमान सुनिश्चित करता है कि शव जमी हुई अवस्था में पहुंच जाए और शव कुछ दिन नहीं बल्कि कुछ सप्ताह तक सुरक्षित रह जाते हैं। जैसलमेर अस्पताल के मोर्चरी के लिए लाखों रुपए कीमत वाले फ्रीज वर्षों पहले आ गए लेकिन उनकी बिजली फिटिंग तक की व्यवस्था नहीं की जा सकी और वे अनुपयोगी अवस्था में हैं। ऐसे में जिन व्यक्तियों के शवों को सुरक्षित रखना होता है, उनके परिवारजन या अन्य लोग यहां बर्फ की सिल्लियों की व्यवस्था करते हैं। अब सबकी उम्मीदें नई बनने वाली मोर्चरी पर टिकी है।

Hindi News / Jaisalmer / मोर्चरी में व्यवस्थाओं की ‘मौत’, नवनिर्माण पर अब टिकी समाधान की आस

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.