पुस्तकें हमारी सच्ची साथी
पुस्तकों का अधिकाधिक अध्ययन करने की सीख देश और दुनिया के तमाम महापुरुषों ने हमें एक समान रूप से दी है। सही मायनों में पुस्तकें हमारे लिए सबसे अनमोल साथी होती हैं। इनमें जीवन की प्रत्येक कठिनाई का समाधान मिल सकता है। साथ ही यह व्यक्ति के चारित्रिक विकास का सर्वोत्तम साधन है। यह वास्तव में दुखदायी है कि आज के दौर में पुस्तकें पढऩे का शौक निरंतर कम होता जा रहा है।
– मोहनलाल पुरोहित, शिक्षाविद्
विषय की गहराई का ज्ञान
पुस्तकों का महत्व किसी भी युग में कम नहीं हो सकता। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को भी पुस्तकों से ही विषय की गहराई का ज्ञान हो सकता है। यह ज्ञान उन्हें परीक्षाओं में निश्चित रूप से सफलता दिलाएगा।
– आनंद कुमार, व्याख्याता