जैसलमेर से म्याजलार तक भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली सडक़ का पिछले करीब पांच वर्ष से अटका हुआ कार्य अब करवाया जा सकेगा। डीएनपी क्षेत्र में आने की वजह से यह सडक़ निर्माण कार्य अटका हुआ था। जानकारी के अनुसार नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ (राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड) ने इस कार्य को कई हिदायतों के साथ करवाने को हरी झंडी प्रदान कर दी है। गौरतलब है कि सीमा क्षेत्र को आपस में जोडऩे की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत एनएचएआई की तरफ से करवाया जाने वाला एनएच ११ में जैसलमेर से म्याजलार तक करीब १०० किलोमीटर सडक़ का कार्य पिछले कई वर्षों से अटका हुआ था। इन रुकावटों को दूर करवाने के लिए ग्रामीणों, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उसके आनुषांगिक संगठनों की तरफ से पिछले लम्बे अर्से से प्रयास किए जा रहे थे। बताया जाता है कि राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थाई समिति की मंजूरी के बाद आने वाले दिनों में करवाए जाने वाले कार्य के संबंध में वन विभाग के उच्चाधिकारी शर्तें तय करेंगे और उसके बाद आगे बढ़ा जाएगा। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत पूर्व में निर्मित एकल सडक़ का दोहरीकरण हो सकेगा। एक अन्य जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर मंजूरी मिलने से जैसलमेर से म्याजलार तक १०० किलोमीटर और मुनाबाव से तनोट तक के प्रोजेक्ट में बाड़मेर जिले के सुंदरा से म्याजलार तक के ३७ किलोमीटर सडक़ मार्ग का भी निर्माण हो सकेगा। बताया जाता है कि डीएनपी क्षेत्र में मोबाइल टावर स्थापित करने का रुका हुआ कार्य भी अब करवाया जा सकेगा। गौरतलब है कि डीएनपी की आपत्तियों की वजह से भारतमाला प्रोजेक्ट के ये कार्य रुके हुए हैं जबकि जिले में अन्य सडक़ कार्य लगभग हो चुके हैं।
Hindi News / Jaisalmer / बिग इश्यू: जैसलमेर-म्याजलार भारतमाला सडक़ निर्माण को हरी झंडी