प्रशिक्षण में अनाज भंडारण को लेकर किया जागरुक
जैसलमेर. कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से किसानों, व्यापारियों एवं अन्य हितधारकों के लिए चौधरी चरणसिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर के सहयोग एवं भंडारण विकास और विनियामक अधिनियम की ओर से प्रायोजित एक दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए बताया कि हमारे देश में प्रति वर्ष क्रमश: 50 मिलियन टन फल एवं 94 मिलीयन सब्जी का उत्पादन हो रहा है, जो पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर है। इतनी अधिक मात्रा में उत्पादन के बावजूद प्रतिवर्ष कुल उत्पाद का लगभग 37 फीसदी भाग विभिन्न कारणों जैसे तुड़ाई उपरांत उचित देखभाल का न होनाए उचित संरक्षण, भंडारण व्यवस्था के अभाव, उपभोक्ताओं तक उत्पाद का समय से न पहुंच पाना आदि से खराब हो जाता है। यदि किसान अनाज, फल एवं सब्जियों का भंडारण एवं संरक्षण कार्य समय से करते है, तो निश्चित तौर पर नुकसान को कम करके अधिक मुनाफा कमा सकेंगे। कार्यक्रम मे उपनिदेशक नाबार्ड, जैसलमेर के डॉ दिनेश प्रजापत ने राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृष निर्यात प्रोत्साहन नीतिए 2019 के अंतर्गत कृषि प्रसंस्करण व कृषि आधारभूत संरचना की नई परियोजनाओं की स्थापना, मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार, आधुनिकीकरण एवं विविधीकरण के लिए पूंजी निवेश किए जाने पर प्लांट मशीनरी एवं सिविल कार्य पर किए जाने पर कृषक या उनके संगठनों को 50 प्रतिशत का अनुदानए कृषक या उनके संगठन के अतिरिक्त अन्य पात्र व्यक्तियों को 25 प्रतिशत का अनुदान तथा राज्य सरकार द्वारा घोषित मेगा फूड पार्क व कृषि समूहों की ईकाइयों पर 10 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त पूंजी निवेश अनुदान देय हैं। उन्होंने योजना का मूल उद्देश्य प्रसंस्करण के स्तर में वृद्धि करनाए छीजत में कमीए मूल्य सर्वधनए कृषकों की आय में वृद्धि तथा निर्यात को बढावा देना हैं। एग्रीकल्चर इंफ्रास्टक्चर फंड के तहत वेयरहाउस परियोजनाओं के तहत कृषि उपज के लिए अधिक भंडारण सुविधा देने पर सरकार 3 फीसदी ब्याज छूट और ऋण गारंटी भी दे रही है। केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. चारू शर्मा ने बताया कि वेयर हाउस खोलने का सरकार का मुख्य उद्देश्य रहता है कि ग्रामीण किसान अपनी फसल का उचित दाम ना मिलने के कारण उनके फसल के रखरखाव के लिए उचित जगह न होने पर सरकार की ओर से चलाए जा रहे वेयर हाउस में फसल उत्पाद रख कर जोखिम से बच सके। उन्होंने भंडारण में रखने योग्य सावधानियों पर चर्चा करते हुये बताया कि भंडारण विकास और विनियामक अधिनियम से अधिकृत वेयरहाउस में किसान अपना अनाज रख सकता है व साथ मे प्राप्ति रसीद पर बैंक से लोन भी प्राप्त कर सकेगा। भंडारण के उपरांत किसान का अनाज सुरक्षित रहता है और प्रसंस्करण, ग्रेडिंग, बीमा की सुविधा मिल जाती है। नियाम जयपुर के सलाहकार राहुल सांखला ने प्रशिक्षण जागरुकता कार्यक्रम में गोदाम के प्रकार, प्रबंधन, आवश्यकता एवं फायदों से प्रतिभागियों का परिचय करवाया। जागरुकता कार्यक्रम में आए प्रतिभागी किसानों को एफसआई जैसलमेर वेयरहाउस का भ्रमण करवाया गया। एफसीआई जैसलमेर वेयरहाउस के मुख्य प्रबंधक सचिन अग्रवाल ने क्षेत्र के किसानो को वेयरहाउस में स्टॉक की जाने वाले अनाज के प्रबंधन ए रख रखाव की जानकारी देते हुए किसानो को वेयरहाउस में उत्पादन रखवाने स बन्धी सुविधाओं की विस्तार से जानकारी से अवगत कराया।