देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल को जिस तरह से रेगिस्तान के जहाज और प्रशिक्षित श्वानों का साथ मिल रहा है, लगभग उसी तरह से भारतीय सेना के जवानों को विभिन्न सैन्य अभियानों के दौरान रोबोटिक डॉग्स का सहयोग भी मिलेगा।
देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल को जिस तरह से रेगिस्तान के जहाज और प्रशिक्षित श्वानों का साथ मिल रहा है, लगभग उसी तरह से भारतीय सेना के जवानों को विभिन्न सैन्य अभियानों के दौरान रोबोटिक डॉग्स का सहयोग भी मिलेगा। सेना की जरूरत के मुताबिक रोबोटिक मल्टी यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट (म्यूल) यानी रोबोटिक डॉग अपनी भूमिका निभाएगा। जानकारी के अनुसार भारतीय सेना की बैटल एक्स डिविजन के जवानों ने गत 14 से 21 नवम्बर तक इन रोबोटिक डॉग्स के साथ अभ्यास किया है। बताया जाता है कि इस अभ्यास में 50 से ज्यादा सैनिकों ने भाग लिया। उनके साथ 10 रोबोटिक डॉग भी थे। इन डॉग्स ने दुश्मन को खोजने, हथियार परिवहन करने से लेकर कैमरे से दुश्मन का पता बताने जैसे कारनामों को अंजाम देने के उदाहरण पेश किए। इस डॉग का पूर्व में हुए युद्धाभ्यास में सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। इन डॉग्स में ऐसी कई खूबियां हैं, जिससे वे दुश्मन की मुश्किलें बढ़ाने में सक्षम हैं। इसे भारतीय सेना ने निगरानी बढ़ाने और युद्ध अभियानों में सहायता के लिए विकसित किया है। ये रोबोट डॉग साल 2023 में ही भारतीय सेना के मिलिट्री इंटेलिजेंस में शामिल किया गया था।
Hindi News / Jaisalmer / सीमा सुरक्षा में ऊंट और श्वानों की भागीदारी के साथ अब सेना को मिलेगा रोबोटिक डॉग्स का सहयोग