समितियों का संचालन करना कठिन हुआ
बैठक में अवगत करवाया गया कि बैंक की ओर से माह मई 2024 में अवधिपार बकाया ऋणों की वसूली के क्रम में समितियों के बचत व चालू खातों में उपलब्ध जमा शेष को नामित करते हुए ऋणों की वसूली कर ली गई है। बताया गया कि जिला स्तर पर कार्यरत समितियां अत्यधिक सक्षम नहीं है। उनके पास बैंक में उपलब्ध जमा शेष के अतिरिक्त कोई वित्त उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में समितियों की जमा राशि को यदि बैंक द्वारा समायोजित किया जाता है तो समितियों का संचालन अत्यधिक कठिन हो जाएगा। इस अवसर पर मांग की गई कि समितियों के चालू और बचत खातों से आहरित की गई जमा राशि पुन: समिति खातों में हस्तांतरित की जाए। जिससे समिति के दैनिक कार्यों का सुचारू रूप से संचालन किया जाना संभव हो सके। बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि समिति व्यवस्थापकों को पिछले लम्बे अंतराल से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। कई ग्राम सेवा सहकारी समिति व्यवस्थापकों को 1 वर्ष से अधिक समय से वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। समिति व्यवस्थापकों के वेतन के भुगतान होने तक अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार किया जाता है। बैठक में गायड़सिंह, राणाराम, जसवंतङ्क्षसह लोहारकी, मुकेश व्यास, इंद्रदान, डामराराम, आकाश पुरोहित, दुर्जनसिंह, देवीसिंह, नाथूदान, विजय बारूपाल आदि व्यवस्थापक उपस्थित थे।