सरहदी जिले में 315.235 मिलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइम स्टोन के भण्डार
जैसलमेर. पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले में सीमेंट उत्पादन इकाइयों की स्थापना की संभावनाओं को बल मिला है। जैसलमेर जिले में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया (जीएसआई) की नई खोज में सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के विशाल भण्डार मिलने यह सुखद स्थिति बनी है। गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले चार हजार करोड़ रुपए के निवेश की बात तत्कालीन सरकारके स्तर पर की गई थी और कुछ कंपनियों ने जिले में ब्लॉक्स आवंटन कराने में दिलचस्पी भी दिखाई, लेकिन यह सारी कवायद बाद में ठंडे बस्ते में गई प्रतीत हुई। इस बीच यह बात जानकारी में आई है कि
जीएसआई ने जैसलमेर के 13 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में लाइम स्टोन के भण्डारों की खोज की है। रिपोर्ट के अनुसार जैसलमेर के लखमानों की ढाणी में 4.60 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में करीब 18.012 मिलियन टनए जैसलमेर के ही कुइंयाला साउथ में 3.20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 29.82 मिलियन टनए जैसलमेर की ही मियों की ढाणी ईस्ट ब्लॉक, के 2.50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 67.033 मिलियन टन और मियों की ढ़ाणीनार्थ में 200.37 मिलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइम स्टोन के भण्डार होने की संभावना रिपोर्ट दी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल को सचिवालय में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के अधिकारियों ने जैसलमेर के चार स्थानों में सीमेंट ग्रेड लाइम स्टोन भण्डारों की खोज रिपोर्ट सौंपी। डॉ. अग्रवाल की मानें तो जीएसआई की खोज में जैसलमेर के चार ब्लॉकों में 315.235 मिलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के भण्डार मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट का परीक्षण कर इन क्षेत्रों में प्लॉट विकसित कर नीलामी की कार्यवाही की जाएगी।
सीएम का खनिज खोज व खनन कार्यों पर जोर
एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राज्य में खनिज खोज और खनन कार्यों में गति लाने पर जोर दिया जा रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय खान मंत्री प्रहलाद जोशी से पिछले दिनों 22 जुलाई को वर्चुअल बैठक के दौरान खनिज खोज कार्य में गति लाने और समय पर रिपोर्ट जारी कराने की आवश्यकता जताई थी।
रिपोर्ट का होगा अध्ययन
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि जियोलोजिकल सर्वें ऑफ इंडिया से प्राप्त रिपोर्टों का अध्ययन कराकर विभाग द्वारा खनन के लिए ऑक्शन के लिए ब्लॉक विकसित किए जाएंगे। उनके अनुसार राज्य में खान एवं भूगर्भ निदेशालयए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डियाए एमईसीएल आदि की ओर से खनिज एक्सप्लोरेशन गतिविधियां जारी है।
हजारों करोड़ का होना था निवेश
कुछ वर्षों पहले जैसलमेर जिले में दो सीमेंट कंपनियों ने कुल 4 हजार करोड़ रुपए के निवेश की मंशा जताई थी। जिले में कुल 6 ब्लॉक पारेवर एनएन.-ए पारेवर एसएन.3, पारेवर एसएन.5, मंधा आरएम.1, खींया.2 और खींवसर केएच.4 तय किए गए। खान विभाग ने मंशा पत्र भी जारी किए थे, तब यह आशा संजोई गई थी कि सीमेंट के कारखाने लगने से जिले के हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा और अन्य काम.धंधे भी पनपेंगेए लेकिन यह सपने आज तक साकार होने की बाट ही जोह रहे हैं।
यह हैं उज्ज्वल संभावनाएं
जैसलमेर तथा पड़ोसी बाड़मेर जिले में लिग्नाइट, ग्रेनाइट, मैग्नाइटए जिप्सम, मार्बल, स्टीलग्रेड लाइम, बेंटोनाइट लाइम स्टोन और मैसेनरी स्टोन के अकूत भण्डार आए हुए हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे जरूरी पानी का बड़ा स्रोत इन्दिरा गांधी नहर परियोजना यहां आई हुई है। वहीं जैसलमेर व बाड़मेर में लिग्नाइट पॉवर प्रोजेक्ट के लिए उपयोगी राख और जैसलमेर में सोनू में लाइम स्टोन का भरपूर भण्डार है। ऐसे में सीमेंट के कारखाने स्थापित होने का इंतजार अब फिर से शुरू हो गया है।
फैक्ट फाइल
-06 साल से अधर में सीमेंट प्रोजेक्ट
-02 कंपनियों को हुआ था ब्लॉक आवंटन
-60 लाख टन उत्पादन हो सकता है प्रतिवर्ष