झारखंड के हारुन रशीद के रूप में हुई पहचान
पूछताछ में उसकी पहचान झारखंड की राजधानी रांची के हारुन रशीद (40) के रूप में हुई है। उससे पूछताछ की जा रही है। सुबह कोतवाली थाना क्षेत्र में हनुमान सर्किल पर लोगों ने एक व्यक्ति की संदिग्ध गतिविधियां देखकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। उससे पूछताछ की जा रही है।
पूछताछ में उसकी पहचान झारखंड की राजधानी रांची के हारुन रशीद (40) के रूप में हुई है। उससे पूछताछ की जा रही है। सुबह कोतवाली थाना क्षेत्र में हनुमान सर्किल पर लोगों ने एक व्यक्ति की संदिग्ध गतिविधियां देखकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। उससे पूछताछ की जा रही है।
भारतीय सेना की होल्डिंग कोर भी अलर्ट पर
राजस्थान से सटी भारत- पाक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल पूरी तरह हाई अलर्ट पर है। राजस्थान सीमा पर इन्टेलिजेंस वॉरफेयर शुरू हो गया है। पाकिस्तान ने सीमावर्ती गांवों के अपने मोबाइल टावरों के सिग्नल नियंत्रित कर लिए हैं। भारतीय सेना की होल्डिंग कोर भी अलर्ट पर आ गई हैं।
राजस्थान से सटी भारत- पाक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल पूरी तरह हाई अलर्ट पर है। राजस्थान सीमा पर इन्टेलिजेंस वॉरफेयर शुरू हो गया है। पाकिस्तान ने सीमावर्ती गांवों के अपने मोबाइल टावरों के सिग्नल नियंत्रित कर लिए हैं। भारतीय सेना की होल्डिंग कोर भी अलर्ट पर आ गई हैं।
जहां जरूरत है, वहां अतिरिक्त नफरी तैनात
यह अप्रत्याशित हालात में शॉर्ट नोटिस पर सेना की आक्रमक टुकडिय़ों की सहायता के लिए तैयार हैं। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय सीमा की जिम्मेदारी संभाल रहे सीमा सुरक्षा बल ने भी अपनी सक्रियता पहले की तुलना में बढ़ा दी हैं। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार चौकियों और आवश्यक तैनाती स्थल पर नफरी का जायजा लिया गया है। जहां जरूरत है, वहां अतिरिक्त नफरी तैनात कर दी गई है।
यह अप्रत्याशित हालात में शॉर्ट नोटिस पर सेना की आक्रमक टुकडिय़ों की सहायता के लिए तैयार हैं। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय सीमा की जिम्मेदारी संभाल रहे सीमा सुरक्षा बल ने भी अपनी सक्रियता पहले की तुलना में बढ़ा दी हैं। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार चौकियों और आवश्यक तैनाती स्थल पर नफरी का जायजा लिया गया है। जहां जरूरत है, वहां अतिरिक्त नफरी तैनात कर दी गई है।
नहीं आ रहे पाकिस्तान मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल
कुछ दिन पहले तक सीमावर्ती कुछ गांवों में पाकिस्तान मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल आते थे, लेकिन पिछले तीन दिनों से ये सिग्रल अब नहीं आ रहे हैं। बार्डर गांव कानूसिंहवाड़ा, 37 पीएस, 38 पीएस, खमीसां में पहले ये सिग्नल आ रहे थे। दोनों ओर, इन सिग्नलों के घुसपैठियों की ओर से उपयोग की जाने की आशंका रहती है, जिन्हें ट्रेस किया जाना मुश्किल होता है।
कुछ दिन पहले तक सीमावर्ती कुछ गांवों में पाकिस्तान मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल आते थे, लेकिन पिछले तीन दिनों से ये सिग्रल अब नहीं आ रहे हैं। बार्डर गांव कानूसिंहवाड़ा, 37 पीएस, 38 पीएस, खमीसां में पहले ये सिग्नल आ रहे थे। दोनों ओर, इन सिग्नलों के घुसपैठियों की ओर से उपयोग की जाने की आशंका रहती है, जिन्हें ट्रेस किया जाना मुश्किल होता है।