जयपुर

जयपुर में येलो फीवर की वैक्सीन खत्म, टीका लगवाने दिल्ली जा रहे लोग

राजधानी में येलो फीवर वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो जाने से ये टीका लगना बंद हो गया है। इस कारण कई देशों की यात्रा पर संकट खड़ा हो गया है। दरअसल, अफ्रीकी व सेंट्रल अमरीकी देशों में यात्रा करने से पहले येलो फीवर का टीका लगवाना होता है। क्योंकि इन देशों में येलो फीवर का प्रकोप रहता है।

जयपुरApr 24, 2023 / 10:57 am

Kirti Verma

जयपुर. राजधानी में येलो फीवर वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो जाने से ये टीका लगना बंद हो गया है। इस कारण कई देशों की यात्रा पर संकट खड़ा हो गया है। दरअसल, अफ्रीकी व सेंट्रल अमरीकी देशों में यात्रा करने से पहले येलो फीवर का टीका लगवाना होता है। क्योंकि इन देशों में येलो फीवर का प्रकोप रहता है। येलो फीवर से प्रभावित देशों में जयपुर से हर माह 300 से 400 लोग जाते हैं। इसके बावजूद भी हालात खराब है। केवल जेेकेलोन अस्पताल में इसका टीकाकरण केंद्र है। वहां भी वैक्सीन नहीं है। लोगों को 2450 रुपए खर्च कर निजी मेडिकल स्टोर से वैक्सीन खरीदनी पड़ती है। इन दिनों वहां भी आपूर्ति ठप पड़ी है।

 

यहां डोज न इंतजाम, दिल्ली समेत राज्यों में लग रही
राजधानी में हर माह 300 से ज्यादा लोग यह वैक्सीन लगवाते हैं फिर भी सवाईमान सिंह अस्पताल, जेके लोन अस्पताल समेत अन्य बड़े सरकारी अस्पतालों में इसकी उपलब्धता नहीं है। जबकि दिल्ली समेत कई राज्यों के सरकारी अस्पतालों में यह वैक्सीन उपलब्ध है। वहां 300-350 रुपए में वैक्सीन लगाई जा रही है। जबकि यहां वैक्सीन 2450 रुपए में खरीदकर लगवानी पड़ रही है।


यों घट रही डोज
जयपुर में जनवरी माह से इस टीके का टोटा चल रहा है। जेके लोन अस्पताल के टीकाकरण केंद्र पर जनवरी में 104, फरवरी में 55, मार्च में 28 व अप्रेल में केवल 4 लोगों को ही यह टीका लगा है। आपूर्ति नहीं होने से लोग दिल्ली जाकर टीका लगवाने को मजबूर हैं तो कई लोग दूसरे राज्यों से वैक्सीन मंगवाकर लगवा रहे हैं।

 

यह भी पढ़ें

मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट महंगाई राहत शिविरों का आगाज आज, 8 करोड़ों लोगों को मिलेगा फायदा

 


यात्रा से पहले वैक्सीनेशन अनिवार्य
अफ्रीका, केन्या, अल्जीरिया, घाना, नाइजीरिया, इथोपिया, सूडान, लीबिया और युगांडा समेत कई देशों की यात्रा पर जाने से पहले येलो फीवर का टीका लगवाना जरूरी होता है। वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही इन देशों की यात्रा का वीजा मिलता है। एक बार डोज लगने के बाद दस साल तक दूसरी डोज की जरूरत नहीं पड़ती है।


क्या है येलो फीवर
येलो फीवर (पीतज्वर) एक संक्रामक रोग है। इस रोग का कारक एक सूक्ष्म विषाणु होता है, जो ईडीस ईजिप्टिआई (स्टीगोमिया फेसियाटा) जाति के मच्छरों द्वारा फैलता है। यह रोग कर्क तथा मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीका तथा अमरीका के भूभागों में अधिक होता है। इसमें बुखार, सिर दर्द, मुंह, नाक, कान और पेट में रक्तस्राव, पीलिया समेत कई लक्षण देखे जाते हैं।

यह भी पढ़ें

दुनिया में 40 फीसदी भोजन की बर्बादी, इसे रोकने के लिए कानून बनाने की जरुरत

Hindi News / Jaipur / जयपुर में येलो फीवर की वैक्सीन खत्म, टीका लगवाने दिल्ली जा रहे लोग

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.