साल के शुरूआत से आखिर तक कोरोना का डर…
कोरोना की बात करें तो एक जनवरी 2022 को प्रदेश में एक ही दिन में 52 नए ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई थी और कुल 121 मरीज ओमिक्रॉन पॉजिटिव थे। वहीं 301 नए कोरोना पॉजिटिव इस दिन मिले थे और राज्य में कुल 1247 कोरोना के एक्टिव केस थे। यह तीसरी लहर को रफ्तार देने जैसा रहा।
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हालांकि साल का मध्य आते—आते कोरोना के मरीजों की संख्या ही शून्य से 10 के बीच रही, जबकि ओमिक्रॉन वेरिएंट किसी में नहीं मिला। लेकिन अब एक बार फिर चाइना में नया वेरिएंट मिला है। जिसका नाम बीएफ पाइंट सेवन है। जिसकी वजह से दुनियाभर के देश खौफ में है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अलर्ट जारी करने के बाद राजस्थान में चिकित्सा विभाग की ओर से भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से लगातार आक्सीजन, वैक्सीनेशन आदि को लेकर तैयारियां की जा रही है।
चिरंजीवी योजना को 5 से 10 लाख तक बढ़ाया..
साल 2021 में प्रदेश में मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना को शुरू किया गया। जिसमें पांच लाख रुपए तक का इलाज निशुल्क रखा गया। लेकिन इसके बाद साल 2022 में सीएम गहलोत ने बीमा योजना का दायरा बढ़ाकर 5 से 10 लाख रुपए तक कर दिया। ताकी लोगों को इसका अधिक लाभ मिल सके।
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चिरंजीवी योजना के तहत 1576 प्रकार की बीमारियों को कवर किया गया है। इस योजना के पात्र परिवारों को बीमा प्रीमियम के तौर पर पचास फीसदी राशि यानि न्यूनतम 850 रूपये सालाना प्रीमियम के रूप में जमा कराने होते है। अस्पताल में भर्ती होने के पांच दिन पूर्व और डिस्चार्ज होने के 15 दिन के बाद तक का खर्चा इस बीमा के अंदर कवर किया जाता है। वहीं, जो लोग पहले से ही महात्मा गांधी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ पा रहे है, उन्हें रजिस्ट्रेशन करने की जरुरत नहीं होती है।
निशुल्क दवा योजना में 824 नई दवाओं को बढ़ाया…
निशुल्क दवा वितरण आपूर्ति के मामले में राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड देश में पहले स्थान पर है। जहां केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई जून 2022 की रैंकिंग में राजस्थान को पहला स्थान दिया गया है। इसके बाद दूसरे पायदान पर तेलंगाना और तीसरे पर आंध्र प्रदेश का नाम है।
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वहीं सरकार की इस योजना के तहत साल 2022 में 824 नई दवाओं को ओर जोड़ा गया है। जिसके बाद अब राजस्थान में 1795 दवाएं निशुल्क दी जा रहीं है। योजना के तहत सरकार की ओर से ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक, आर्थराइटिस, आंख, जनरल मेडिसिन, ग्रोथ हार्मोन्स, डायबिटीज और कैंसर की लगभग हर तरह की दवाइयां फ्री दी जा रही है। इसके अलावा लिवर सिरोसिस, गेस्ट्रो कैंसर, ब्लड प्रेशर, विटामिन सहित सभी तरह की दवाइयां भी फ्री दी जा रहीं है।
एसएमएस अस्पताल को किया गया इंटीग्रेटेड…
साल 2022 में अक्टूबर में राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में जल्द ही इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया। अभी यह सिस्टम पूरी तरह से लागू होने में समय लगेगा। लेकिन लागू होने के बाद डॉक्टर्स को मरीजों की बीमारी से जुड़ी सभी जानकारी बस एक क्लिक से मिल जाएंगी। इससे एक ओर जहां मरीजों के रजिस्ट्रेशन, एडमिशन, बिलिंग, जांच और दवाओं समेत पूरी हिस्ट्री का रिकॉर्ड एक साथ आ जाएगा। वहीं राज्य सरकार को विभिन्न बीमारियों को लेकर पॉलिसी डिसीजन और मॉनिटरिंग करने में भी मदद मिलेगी।
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167 नई एंबुलेंस देकर बड़ी सौगात दी..
साल 2022 के आखिर में भी गहलोत सरकार ने बड़ी सौगात दी है। प्रदेश में 167 नई एंबुलेंस को भेजा गया है। जोधपुर व उदयपुर को 15-15, अलवर को 14, नागौर को 11, झुंझुनूं को 9, श्रीगंगानगर को 10, जयपुर प्रथम व सीकर को 7-7, भरतपुर, करौली व कोटा को 6-6, बूंदी, पाली, सवाईमाधोपुर, जयपुर द्वितीय व बाड़मेर को 5-5, डूंगरपुर, चूरू व भीलवाड़ा को 4-4, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर व जालोर को 3-3, अजमेर, बीकानेर, सिरोही, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़, झालावाड़ को 2-2 तथा प्रतापगढ़, राजसमंद व टोंक को 1-1 एंबुलेंस दी गई है। इन सभी एम्बुलेंस को विभिन्न जिलों में आधारभूत चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत करने के लिए बेडे़ में शामिल किया गया है।
24 मंजिला बन रहा आईपीडी टॉवर, हेलीपेड सुविधा भी होगी..
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आईपीडी टॉवर का निर्माण किया जा रहा है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा टॉवर है। 5 अप्रैल 2022 को सीएम अशोक गहलोत ने इसका शिलान्यास किया। अगले 3 साल में ये टावर बनकर तैयार होगा। 24 मंजिला इस बिल्डिंग में 1200 बेड्स की कैपेसिटी होगी। इस टॉवर के बनने के बाद एसएमएस हॉस्पिटल में मरीजों के लिए 4 हजार से ज्यादा बैड उपलब्ध रहेंगे। वर्तमान में एसएमएस हॉस्पिटल की मैन बिल्डिंग और सुपर स्पेशलिटी सेंटर की बिल्डिंग में करीब 2850 बैड की कैपेसिटी है। 116 मीटर ऊंचाई में बनने वाले इस आईपीडी ब्लॉक के टॉप फ्लोर पर एक हैलीपेड बनाया जाएगा, जहां से मरीजों को एयरलिफ्ट की सुविधा मिल सकेगी।
11 करोड़ 52 लाख लोगों के लगी वैक्सिन..
कोरोना के नए वैरिएंट ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। लेकिन अच्छी बात यह है कि राजस्थान में 11 करोड़ 52 लाख लोगों वैक्सिन लग चुकी है। इसमें 18 से अधिक उम्र वालों के लिए 5 करोड़ 14 लाख वैक्सिन लगाने का टारगेट था। जिसमें 5 करोड़ 11 लाख लोगों को पहली डोज लगाई गई। दूसरी डोज में 4 करोड़ 65 लाख लोगों को वैक्सिनेट किया गया। वही, बूस्टर डोज की बात करे अब तक 14.4 फीसदी लोगों ने बूस्टर डोज ली है।
आरयूएचएस अस्पताल का विस्तार..
राजधानी में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने और एसएमएस अस्पताल का भार कम करने के लिए चिकित्सा विभाग अब आरयूएचएस अस्पताल का विस्तार किया गया है। आरयूएचएस में 26 तरह के विभाग खोले जा रहे है। जिसमें जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, गायनिक, एनेस्थीसिया, ऑर्थोपेडिक्स, पीडियाट्रिक्स, ऑप्थेल्मोलॉजी, ईएनटी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, फॉरेंसिक मेडिसिन, पल्मोनरी आदि शामिल हैं। इससे प्रताप नगर, सीतापुरा, सांगानेर इलाके के मरीजों के साथ दौसा, टोंक, कोटा, झालावाड़, बूंदी आदि क्षेत्र से आने वाले मरीजों का इलाज भी आसानी से हो सकेगा।
मिलावट की सूचना देने पर 51 हजार का इनाम..
प्रदेश में मिलावटखोरी रोकने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जाता है। साल 2022 में 10 अक्टूबर से इस अभियान की शुरूआत हुई। जिसके बाद मिलावटखोरों के खिलाफ जमकर कार्रवाई की गई। नकली मावा, दूध, मिर्च मसाले व अन्य खाद्य सामग्री को पकड़ा गया। मिलावटखोरी को रोकने के लिए गहलोत सरकार ने मुखबरी योजना को शुरू किया है। जिसमें मिलावटखोरी की सूचना देने वाले को 51 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा।