Year Ender 2022: एकजुटता का दावा, मगर गुटों में बंटी नजर आई राजस्थान भाजपा
Year Ender 2022: जयपुर। साल 2022 बीतने वाला है। मगर राजस्थान भाजपा में गुटबाजी खत्म नहीं हो पाई है। 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगर यह गुटबाजी रही तो पार्टी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। पार्टी अब भी कई गुटों में बंटी नजर आ रही है।
Year Ender 2022वसुंधरा राजे और सतीश पूनियां में नजर आई अदावत पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हो या प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, दोनों नेताओं व उनके समर्थकों के बीच अदावत जारी है। कई मौके ऐसे भी आए जब दोनों तरफ से बयानबाजी करने से भी नेता नहीं चूके। बवाल उस समय मचा जब कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे को लेकर प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन देने एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था। जयपुर में होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बुलावा नहीं भेजा गया। इसे लेकर दिल्ली तक शिकायतें हुई। इसके बाद पहली बार कोर कमेटी की बैठक दिल्ली में हुई। इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। शाह ने कार्यसमिति के सभी सदस्यों को सख्त हिदायत दी कि आपस में लड़ने की बजाय राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ लड़े। उन्होंने सभी नेताओं को एक जाजम पर आने के भी निर्देश दिए। मगर उनकी यह हिदायत भी अभी तक रंग नहीं ला पाई है।
Year Ender 2022: जनाक्रोश यात्रा से राजे ने बनाई दूरी राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ भाजपा ने पिछले दिनों जनाक्रोश यात्रा निकाली थी। यात्रा का पहला फेज पूरा हो चुका है। यात्रा में 17 लाख से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। मगर इस यात्रा से वसुंधरा राजे की दूरी चर्चा ए आम रही है। राजे ने यात्रा से दूरी बनाए रखी। इसे भी पार्टी की गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है। यही नहीं राजे गुट के नेता भी इस यात्रा से दूरी बनाकर बैठे हैं। यात्रा इतनी अहम है कि कई केंद्रीय स्तर के नेता भी इसमें शामिल होने के लिए राजस्थान आ रहे हैं। खुद सतीश पूनियां भी पूरे प्रदेशभर में जनाक्रोश सभा में हिस्सा लेकर कांग्रेस सरकार को घेर रहे हैं।
Year Ender 2022: नड्डा की सभा में भीड़ तक नहीं जुटी जनाक्रोश यात्रा की शुरुआत जयपुर के रामलीला मैदान से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी। इस दौरान सभा का आयोजन किया गया था। मगर सभा में भीड़ नहीं जुट पाई। आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में हुई इस जनसभा में भीड़ नहीं जुटने को भी आपसी गुटबाजी का ही नतीजा माना जा रहा है। भीड़ नहीं जुटने की चर्चा लंबे समय तक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच रही। हालांकि इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं दिया गया है।
Year Ender 2022: काली दुल्हन का बयान देकर फंसे पूनियां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी को राजस्थान का बजट पेश किया था। बजट के बाद पूनियां ने कहा था कि बजट लीपापोती वाला है। ऐसा लग रहा है कि किसी काली दुल्हन को ब्यूटी पार्लर पर ले जाकर अच्छे से शृंगार कर पेश किया गया हो। इससे ज्यादा बजट में कुछ नहीं लगा। पूनियां के इस बयान पर सदन और सड़क तक बवाल मचा, जिसके बाद पूनियां ने बयान के लिए माफी मांगी।
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