सच है कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता है, इसलिए तमाम संघर्षों के बाद जब गांवों में उन्नति के नए अवसर पैदा हुए तो बीते संघर्ष भी सामान्य लगने लगे। आज राज्य के सैकड़ों सरपंचों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उनके किए कार्य शहरों के लिए मिसाल बन गए। सही मायने में राजस्थान की अर्थव्यवस्था कहीं न कहीं गांवों पर केंद्रित है। जिस गांव के स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि बेहतर स्थिति में दिखते हैं वहां हम कह सकते हैं कि सरपंचों ने लीक से हटकर कार्य किया है। अल्ट्राटेक और राजस्थान पत्रिका के साथ सरपंचों का यह जुड़ाव ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा।