फिजियोथेरेपी से शरीर का दर्द होता है दूर
कोरोना महामारी के बाद चेस्ट फिजियोथेरेपी का योगदान भी तेजी से बढ़ा है। यह थैरेपी मरीजों के स्वास्थ्य में जल्दी रिकवरी लाने में सफल रही है। फिजियोथेरेपी के माध्यम से शरीर के दर्द और समस्याओं को दूर करने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।बन रही कारगर
1- ऑर्थोपेडिक, न्यूरोलॉजी (लकवा), पीडियाट्रिक (बच्चों से संबंधित मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, सेरेब्रल पाल्सी), स्पोर्ट्स इंजरी (खेलकूद से संबंधित), कार्डियो पल्मोनरी, जिरियाट्रिक (बुढ़ापे से संबंधित) सर्जरी के बाद कारगर।2- जोड़ या हड्डियों की सर्जरी व न्यूरो उपचार के दौरान व बाद में कारगर।
3- दर्द में मरीज मानसिक तनाव और चिंता का सामना करते हैं। फिजियोथैरेपिस्ट उन्हें इलाज के दौरान मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। जिससे वह आत्मविश्वास के साथ अपनी गतिविधियों में पुन: लौट सके।
4- खेल प्रदर्शन में फिजियोथैरेपी का योगदान बढ़ रहा है। फिजियोथैरेपी केवल चोटों को ठीक करने का ही काम नहीं करती बल्कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार करने में भी महत्वपूर्ण बन रही है।