राजस्थान में कैंसर का असर पुरुषों के साथ महिलाओं में भी बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में प्रतिवर्ष इस बीमारी से 65 हजार से अधिक लोग किसी न किसी रुप से दम तोड़ रहें है। वहीं देशभर में 12 लाख से अधिक लोग अकारण ही दम तोड़ देतें है। प्रदेश में कैंसर रोग के मरीज प्रतिदिन आ रहें है। इनमें 90 प्रतिशत कैंसर का कारण वर्तमान में बदल रही जीवनशैली और हमारे वातावरण के प्रभाव से संबधित होते है। जानकारी के अभाव में कैंसर का रोगी समय पर जांच व इलाज नही ले पाता। इस कारण वह जल्दी इसकी चपेट में आ जाता है।
उन्होने बताया कि आजकल जो कैंसर के जो रोगी आ रहें है उनमें मुंह व गले के अधिक है। इसका मुख्य कारण तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों का सेवन है। मुंह व गले के कैंसर के रोगियों में युवाओं की संख्या अधिक है। वहीं आजकल सर्वाइकल कैंसर का खतरा महिलाओं में बढ़ता जा रहा है। यह कैंसर महिलाओं की बच्चेदानी से संबधित होता है। कैंसर के प्रभाव से मुंह में अल्सर, गले में दर्द, आवाज में बदलाव और चबाने और निगलने में कठिनाई हो तो इस प्रकार के ओरल कैंसर का इलाज किया जा सकता है।
गुटखे और धूम्रपान उत्पाद बड़े जिम्मेदार..
राजस्थान सहित देशभर में गुटखे, तंबाकू के साथ धूम्रपान उत्पादों का किसी भी रुप में सेवन करना कैंसर का बड़ा कारण बनता जा रहा है। राजस्थान में वर्ष 2021 में हुए ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे के अनुसार 13.4 प्रतिशत युवा सिगरेट का उपयोग शुरु करते है। वहीं 19.2 प्रतिशत युवा विद्यार्थी अप्रत्यक्ष रुप से धूम्रपान का शिकार हो रहे है।
राजस्थान में मुख्य कैंसर..
ब्रेस्ट
मुंह
फैंफड़े
बच्चेदानी
जीभ
पुरुषों में ओरल केविटि
गला
खाने की नली का कैंसर मुख्य है
इस तरह से करें बचाव…
समय पर स्क्रीनिंग जरुरी है।
पोष्टिक भोजन का सेवन
स्मोकिंग व तंबाकू उत्पादों का सेवन न करें
मदिरा का सेवन न करें
अपने वजन को नियंत्रित रखें
तनाव कम करें
समय —समय पर चेकअप कराते रहें
कैंसर का उपचार और इलाज…
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, समय पर अगर कैंसर का निदान हो जाए तो इसका उपचार और रोगी की जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर के कई उपचार उपलब्ध हैं। कैंसर का प्रकार और अवस्था जैसी स्थितियों के आधार पर दवाओं, थेरेपी, सर्जरी के माध्यम से इसका इलाज किया जाता है। डॉक्टर कहते हैं, सभी लोगों को कैंसर से बचाव को लेकर लगातार सावधानी बरतते रहना चाहिए। लाइफस्टाइल और आहार को पौष्टिक रखने के साथ शराब-धूम्रपान को छोड़कर कैंसर के खतरे से बचाव किया जा सकता है।