16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Workshop – मीनाकारी वर्क से सीखा पीकॉक बनाना

मीनाकारी पेंटिंग वर्क कैनवास, वुडन, मैटेलिक, सिरेमिक आदि किसी भी फ्लेट सरफेस पर की जा सकती है। इसके लिए अत्यधिक धैर्य की आवश्यकता होती है। यह कहना था उत्तराखंड की युवा कलाकार रूचिन गोयल का।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Rakhi Hajela

Oct 09, 2021

Workshop - मीनाकारी वर्क से सीखा पीकॉक बनाना

Workshop - मीनाकारी वर्क से सीखा पीकॉक बनाना


मीनाकारी वर्क पर वर्कशॉप का आयोजन
जयपुर।
मीनाकारी पेंटिंग वर्क कैनवास, वुडन, मैटेलिक, सिरेमिक आदि किसी भी फ्लेट सरफेस पर की जा सकती है। इसके लिए अत्यधिक धैर्य की आवश्यकता होती है। यह कहना था उत्तराखंड की युवा कलाकार रूचिन गोयल का। रूचिन शुक्रवार को राजस्थान स्टूडियो की सहायता से भारत और राजस्थान की आर्टिस्ट कम्यूनिटी 'द सर्किलÓ के लिए आयोजित ऑनलाइन मीनाकारी वर्कशॉप में प्रतिभागियों को संबोधित कर रही थी। इस नि:शुल्क वर्कशॉप का आयोजन 'आजादी का अमृत महोत्सव: सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75Ó के तहत से किया गया। वर्कशॉप में लगभग 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस दौरान रूचिन ने प्रतिभागियों को मीनाकारी पीकॉक बनाना सिखाया। उन्होंने वुडन एमडीएफ बोर्ड पर व्हाइट पेंट का डबल कोट किया और यलो कार्बन की सहायता से डिजाइन को ट्रेस किया। इसके बाद उन्होंने मैटलिक गोल्ड कलर से डिजाइन की आउटलाइनिंग की और फिर सी-ग्रीन, अल्ट्रामरीन ब्लू, पीकॉक ब्लू, रेड, यलो आदि वाटरबेस्ड ग्लास कलर का उपयोग कर अत्यंत आकर्षक मीकाकारी पेंटिंग तैयार की। इसके बाद उन्होंने गोल्डन, ग्रीन और ब्लू कलर के कुंदन स्टोंस को फेविकोल की सहायता से पेंटिंग में लगा कर इसे डेकोरेट किया। उन्होंने वर्कशॉप के दौरान अपने पूर्व में किए गए मीनाकारी वर्क भी प्रदर्शित किए।
रूचिन ने बताया कि जयपुर के अतिरिक्त दिल्ली और बनारस भी मीनाकारी के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि मीनाकारी पैटर्न में मुख्य रूप से पक्षियों, फूलों एवं पत्तियों के आकर्षक रूपांकनों का उपयोग किया जाता है।