अवैध नशा सामग्री सहित वाहनों को किया जब्त पुलिस कमिश्नरेट जयपुर की बात करें तो 23 अक्टूबर 2019 में पुलिस की ओर से ऑपरेशन क्लीन स्वीप अभियान चलाया गया। इसमें फरवरी 2023 तक 1,409 प्रकरण दर्ज कर 1,796 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं। इसमें 261 महिलाएं भी शामिल हैं, जो तस्करी करते हुए पकड़ी गई। अभियान के दौरान गांजा, अफीम, चरस, स्मैक, डोडा पोस्त, कोकीन, एल.एस.डी (लिसर्जिक एीड डाईएथिलेमाइड), एम.डी.एम.ए, ब्राउन शुगर, लिसर्जिक एसीड डाईएथिलेमाइड ड्रग्स, कोडैक्स फॉस्फेट सीरप के अलावा 101 लग्जरी वाहन, 202 बाइक और 12 बड़े वाहन जब्त किए गए हैं।
चार साल पहले चलाया ऑपरेशन क्लीन स्वीप अभियान
जयपुर शहर को अवैध मादक पदार्थ से मुक्त करने को लेकर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने चार साल पहले ऑपरेशन क्लीन स्वीप अभियान चलाया था। इस दौरान बड़ी संख्या में तस्करों की धरपकड़ की गई थी, लेकिन प्रभावी सजा नहीं मिलने की वजह से वह जेल से बाहर आते ही वापस अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में लग जाते हैं। खास बात यह है कि तस्कर अब पुलिस से बचने के महिलाओं और बच्चों को अपना हथियार बना रहे हैं। परिवार साथ होने से पुलिस को गच्चा देकर भागने में सफल हो जाते हैं।
दिल्ली, पंजाब, उडीसा, बंगाल, झारखंड से आ रहा गांजा
राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा गांजा बिकता है। यह बंगाल और ओडिशा से सप्लाई होता था। अब गांजे की जगह सफेद पाउडर यानि स्मैक भी बिक रही है। बंगाल और ओडिशा के बाद अब बिहार, आंधप्रदेश, छत्तीसगढ, उत्तर प्रदेश समेत अन्य पूर्वोतर राज्यों से नशे की खेप राजस्थान में भेजी जा रही है। यहां तक कि अब नेपाल से भी नशा आना शुरू हो गया हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चरस, अफीम, गांजा के बाद अब जयपुर में एमडी ड्रग तक पैडलर्स के पास उपलब्ध है। अधिकतर रेव पार्टियों में यह ड्रग यूज की जाती है।
चार साल पहले चलाया ऑपरेशन क्लीन स्वीप अभियान
जयपुर शहर को अवैध मादक पदार्थ से मुक्त करने को लेकर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने चार साल पहले ऑपरेशन क्लीन स्वीप अभियान चलाया था। इस दौरान बड़ी संख्या में तस्करों की धरपकड़ की गई थी, लेकिन प्रभावी सजा नहीं मिलने की वजह से वह जेल से बाहर आते ही वापस अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में लग जाते हैं। खास बात यह है कि तस्कर अब पुलिस से बचने के महिलाओं और बच्चों को अपना हथियार बना रहे हैं। परिवार साथ होने से पुलिस को गच्चा देकर भागने में सफल हो जाते हैं।
दिल्ली, पंजाब, उडीसा, बंगाल, झारखंड से आ रहा गांजा
राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा गांजा बिकता है। यह बंगाल और ओडिशा से सप्लाई होता था। अब गांजे की जगह सफेद पाउडर यानि स्मैक भी बिक रही है। बंगाल और ओडिशा के बाद अब बिहार, आंधप्रदेश, छत्तीसगढ, उत्तर प्रदेश समेत अन्य पूर्वोतर राज्यों से नशे की खेप राजस्थान में भेजी जा रही है। यहां तक कि अब नेपाल से भी नशा आना शुरू हो गया हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चरस, अफीम, गांजा के बाद अब जयपुर में एमडी ड्रग तक पैडलर्स के पास उपलब्ध है। अधिकतर रेव पार्टियों में यह ड्रग यूज की जाती है।