स्थानीय निवासियों ने कई बार महिला को समझाने की कोशिश भी की। पिछले कुछ महीनों से एसडीएम, पुलिस, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख रहें, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसडीएम ने इस मामले को स्थानीय पुलिस थाने में भेज दिया। लेकिन पुलिस इस पर कार्यवाही करने से इंकार कर रही है। नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि हम सिर्फ डिपो से कचरा उठा सकते घर से नहीं। वही सीएमएसओ ने कहा कि जब कोई बिमार होगा तब हम कार्रवाई करेंगे। प्रशासन इस समस्या की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर रहे हैं। आखिर कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी किसके पास जाए हम?
- पिछले कुछ महीने से महिला घर की छत पर खुले में कचरा एकत्रित कर रही है। बारिश के पानी में कचरा भीगने से दिनभर बदबू आती है। हवा के साथ कचरा घर में आता है। बच्चे खेलते रहते हैं और बारिश में कचरे से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इस कारण दिनभर घर के खिड़की ओर दरवाजे बंद रखने पड़ते हैं।
बाबू लाल मीणा, स्थानीय निवासी 2. हमारा घर एकदम नजदीक है। इससे बाहर बैठने पर 70 वर्षीय पिताजी को सांस लेने मेें भी दिक्कत होने लगती है। बारिश से कचरे में कीड़े पनपने लगे हैं। स्किन डिजिज होने का खतरा बना रहता है। शिकायत पर अधिकारी कह रहे बिमार होने पर करेंगे कार्रवाई। समस्या के समाधान के लिए पहले बिमार होना पड़ेगा?
रामफूल मीणा, स्थानीय निवासी 3. महिला मानसिक रूप से बीमार है। रात के समय में महिला कचरा डिपो से बायोवेस्ट लाती है। इसके लिए कई बार कई बार प्रशासन को शिकायत भी की,लेकिन जिम्मेदारों का कहना यह हमारा काम नहीं है। अगर प्रशासन का काम नहीं तो यह किसका काम है।
पीयूष गौतम, अध्यक्ष अर्जुन नगर विकास समिति 4. महिला को हमने कई बार समझाया। उसके बाद भी लगातार कचरा एकत्रित कर रही हैं। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट, एसडीएम , नगर निगम और पुलिस सभी को पत्र लिखा। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारे वार्ड में एक भी कचरा डिपो नहीं है दूसरे वार्ड के कचरा डिपो से रात एक से सुबह पांच बजे तक कचरा एकत्रित करती है। घरवालों ने समझाया लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ।
दामोदर मीणा, पार्षद , वार्ड नं 86