उन्होंने झुंझुनूं में पुलवामा शहीद श्योराम गुर्जर की प्रतिमा अनावरण करते हुए कहा कि मैं विरोध करता हूं तो फिर धुंआ निकाल देता हूं लेकिन भाषा की मर्यादा कभी नहीं खोया। राजनीतिक, प्रशासनिक और वैचारिक विरोध किया। सड़कों पर उतरे, धरने दिए, जेल गए, अनशन किए लेकिन गलत शब्दों का प्रयोग नहीं किया।
मां का दूध पिया है तो सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करके बताइए-गुढ़ा
वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री रहीं, मेरे से बड़ी हैं लेकिन राजनीतिक टकराव होता था उन्हें हराकर आते थे लेकिन अपशब्दों का प्रयोग करना, ओछी भाषा का इस्तेमाल करना यह न मुझसे हुआ और न ही होगा। भाषण में मर्यादा यह मेरा संस्कार है। मुद्दों, सिद्धांतों, जुबान और वादों से न समझौता किया है और न करेंगे।
अब जनता से किए गए वादे पूरे नहीं, ऐसे में किस मुंह से वोट मांगा जाए। मैंने मांग उठाई, लिखित में उठाई। चुनावी वायदों को लेकर अनशन भी किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। चुनाव में हमनें भ्रष्टाचार की जांच होगी। नहीं हुई। मैंने शालीनता से मांग की। एक सप्ताह हो गया फिर भी जस का तस।
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सचिन ने कहा कि बीजेपी राज के करप्शन पर जो कार्रवाई होनी चाहिए थी, वह हुई नहीं। जो प्रदेश के लोगों की जेब पर डाका डालेगा, उसकी जांच करो और जेल भेजो हम सब उसका स्वागत करते हैं। जिनके खिलाफ भाषण देकर और कार्रवाई का आश्वासन करके वोट लिया था,हमें वो वादा भी पूरा करना पड़ेगा।