अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दूदू दिनेश शर्मा ने बताया कि फागी के सरकारी अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर तैनात परशुराम व उसकी पत्नी सरोज (34) मकर संक्रांति पर दोपहर करीब साढ़े चार बजे मकान की छत पर दाल-बाटी बना रहे थे। इस दौरान परशुराम का पत्नी से झगड़ा हो गया। परशुराम ने सरोज पर हथौड़ी से ताबड़तोड़ वार कर नृशंस हत्या कर दी।
हत्या के बाद वह मकान की छत से कूदकर भागने लगा। लोगों ने उसे खून से सने कपड़ों में देखकर दबोच लिया। आस-पड़ोसियों ने छत पर जाकर देखा तो बाटियों के जगरे के पास खून फैला हुआ था और सरोज का शव निर्वस्त्र पड़ा था। शव के समीप ही सिर की हड्डी का हिस्सा भी मिला है। मूलत: गरजेड़ा थाना डिग्गी, टोंक निवासी परशुराम से पुलिस पूछताछ कर रही है। परशुराम का फागी में ही ससुराल है। उसने करीब आठ वर्ष पहले फागी में मकान खरीद लिया था और परिवार के साथ रहा है।
तीनों बच्चों को मंदिर में किया बंद
स्थानीय लोगों ने बताया कि दम्पती के दो जुड़वा पुत्री एवं एक पुत्र है। वारदात से पहले परशुराम तीनों बच्चों को पास ही शिव मंदिर में ले गया था और वहां उन्हें बंद कर घर लौट आया। फिर उसने हथौड़ी से पत्नी सरोज के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी।
कई वर्षों से था विवाद
पुलिस के मुताबिक परशुराम व सरोज की शादी 2008 में हुई थी। शादी के बाद से ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया था। वर्ष 2018 में सरोज ने अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, लेकिन बाद मं दोनों के बीच राजीनामा हो गया। इसके बाद भी आए दिन दोनों के बीच झगड़े होते रहते थे।
जगरे में राख हुई परिवार की खुशियां
मकर संक्रांति पर्व पर जहां फागी की छतों पर लोग पतंगबाजी का लुत्फ उठा रहे थे, वहीं परशुराम अपनी पत्नी की हत्या के लिए मौका तलाश रहा था। जिस जगरे में बाटी बन रही थी वहां खून बिखरा पड़ा था। हर कोई घटना के बाद स्तब्ध रह गया। पतंगबाजी के दौरान बज रहे डीजे के बीच सरोज की चीखें दब गई और उसने वहीं दम तोड़ दिया।