महाराजा सूरजमल ने दिए थे ये सुझाव 1. पानीपत का तीसरा युद्ध 14 जनवरी 1761 को यानी सर्दी में हुआ था। महाराजा सूरजमल ने सलाह दी थी कि अब्दाली की सेना पर अभी आक्रमण मत करो क्योंकि अभी सर्दी है और अफगान सैनिक इसे असानी से सह लेंगे। ये लोग गर्मी नहीं सह सकते इसलिए गर्मी में हमला करना ठीक होगा।
2. मराठा शासक इस युद्ध में कई हजार स्त्रियों और बच्चों को लेकर चले थे। महाराजा सूरजमल का कहना था कि युद्ध में स्त्रियों और बच्चों को साथ लेकर मत घूमो। इससे इनकी सुरक्षा में ध्यान बंटेगा। उन्होंने भरतपुर के डीग के किले में इन्हें सुरक्षित रखने की सलाह दी थी।
3. उन्होंने यह भी सलाह दी थी कि शत्रु की सेना पर सीधा आक्रमण नहीं करना चाहिए क्योंकि अब्दाली के पास बड़ी सेना है और भारत के बहुत मुस्लिम शासक उसके पक्ष में हैं। इसलिए इनसे झपट्टामार लड़ाई करते हुए छापे मारो।
4. महाराजा सूरजमल ने मराठाओं को लाल किले की सम्पत्ति और युद्ध के दौरान आसपास के लोगों को लूटने से भी मना किया था। उनका तर्क था कि इससे मुस्लिम शासकों के सरदार नाराज होकर अब्दाली से मिल जाएंगे। भरतपुर के शासक ने राज्य के कोष से मराठा सेनाओं का वेतन तक देने की पेशकश की थी। युद्ध में मुगलों को साथ मिलाने का भी सुझाव दिया था। इस युद्ध को रणनीति से जीतने के लिए उन्होंने कई सुझाव दिए थे लेकिन मराठाओं के साथ हुए इस मतभेद ने भारत को ऐसे युद्ध में झोंक दिया, जिससे देश को लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजी शासन झेलना पड़ा।
4. महाराजा सूरजमल ने मराठाओं को लाल किले की सम्पत्ति और युद्ध के दौरान आसपास के लोगों को लूटने से भी मना किया था। उनका तर्क था कि इससे मुस्लिम शासकों के सरदार नाराज होकर अब्दाली से मिल जाएंगे। भरतपुर के शासक ने राज्य के कोष से मराठा सेनाओं का वेतन तक देने की पेशकश की थी। युद्ध में मुगलों को साथ मिलाने का भी सुझाव दिया था। इस युद्ध को रणनीति से जीतने के लिए उन्होंने कई सुझाव दिए थे लेकिन मराठाओं के साथ हुए इस मतभेद ने भारत को ऐसे युद्ध में झोंक दिया, जिससे देश को लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजी शासन झेलना पड़ा।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘पानीपत’ पर ही नहीं बल्कि पहले भी कई फिल्मों पर विवाद उठे है। इनमें ‘जोधा अकबर’ और ‘पद्मावत’ मुख्य हैं। राजस्थान में तो इन फिल्मों को पूरी तरह चलने ही नहीं दिया गया था।
ये उठे थे दो बड़े बवाल
– वर्ष 2008 : निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘जोधा अकबर’ का भी राजस्थान में राजपूत समाज ने प्रबल विरोध किया था। तर्क था कि फिल्म में जोधा का किरदार तथ्यों से परे है। तब राजस्थान में फिल्म चलने नहीं दी गई थी।
– वर्ष 2008 : निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘जोधा अकबर’ का भी राजस्थान में राजपूत समाज ने प्रबल विरोध किया था। तर्क था कि फिल्म में जोधा का किरदार तथ्यों से परे है। तब राजस्थान में फिल्म चलने नहीं दी गई थी।
– वर्ष 2018 : निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ पर विवाद शूटिंग के साथ ही शुरू हो गया था। जयपुर के जयगढ़ किले में शूटिंग के दौरान भंसाली से मारपीट तक हुई थी। राजपूत समाज के कहने पर फिल्म कई बदलाव भी हुए। इसके बावजूद फिल्म पूरे राजस्थान में रिलीज नहीं हो पाई थी।