NSO ग्रुप/Q साइबर टेक्नोलॉजीजी ने इस स्पाइवेयर (जासूसी वाले सॉफ्टवेयर) को तैयार किया है। पिगासस का दूसरा नाम Q Suite भी है। पिगासस दुनिया के सबसे खतरनाक जासूसी सॉफ्टवेयर्स में से एक है जो एंड्रॉयड और आईओएस डिवाइस की जासूसी कर सकता है। पिगासस सॉफ्टवेयर यूजर की इजाजत और जानकारी के बिना भी फोन में इंस्टॉल हो सकता है। एक बार फोन में इंस्टॉल हो जाने के बाद इस आसानी से हटाया नहीं जा सकता है।
पिगासस के जरिए किसी फोन को हैक करने के कई तरीके हैं। कई बार हैकर्स लिंक की मदद लेते हैं तो कई बार एप इंस्टॉल करवाया जाता है। व्हाट्सएप के मामले में कॉलिंग फीचर की मदद ली गई है। इस सॉफ्टवेयर को फोन में इंस्टॉल करने के लिए व्हाट्सएप के वीडियो और ऑडियो कॉलिंग फीचर का इस्तेमाल हुआ है। खास बात यह है कि फोन रिसीव नहीं करने के बावजूद लोगों के फोन में पिगासस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किए गए हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इस सॉफ्टवेयर के जरिए लोगों की जासूसी करने के लिए उनके व्हाट्सएप नंबर पर वीडियो/ऑडियो कॉल किया गया। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाट्सएप एप पर सिर्फ मिस्ड कॉल देकर इस सॉफ्टवेयर को लोगों के फोन में इंस्टॉल किया गया है।
इस हैकिंग के शिकार एंड्रॉयड के वर्जन 2.19.134 से पहले, एंड्रॉयड के बिजनेस एप के 2.19.44 वर्जन से पहले, आईओएस के 2.19.51 वर्जन से पहले, आईओएस के बिजनेस एप के 2.19.51 वर्जन से पहले और विंडोज फोन के 2.18.348 वर्जन से पहले के सभी वर्जन इसके शिकार हो सकते हैं, हालांकि इनके बाद वाले वर्जन में बग को फिक्स कर दिया गया है। व्हाट्सएप ने इस अटैक के बारे में अपने 1,400 यूजर्स को मैसेज भेजकर जानकारी दी है। तो आपके लिए बेहतर है कि आप अपने व्हाट्सएप एप को अपडेट करें, क्योंकि नए अपडेट में उस बग को फिक्स कर दिया गया है जिसके जरिए लोगों की जासूसी हुई।