आकाशवाणी जयपुर के कार्यक्रम अधिकारी राकेश जैन ने बताया कि भारत और मोरक्को के बीच दो दिवसीय इस चैम्पियनशिप का लाइव प्रसारण आकाशवाणी रेडियो पर राष्ट्रीय स्तर पर हुआ। जयपुर के मुकुल गोस्वामी ने इन दोनों दिनों के दौरान अपनी हिंदी कॉमेंट्री के ज़रिए देश-दुनिया के श्रोताओं तक आंखों देखा हाल पहुंचाया। अंग्रेजी कॉमेंट्री में उनका साथ जाने-माने कॉमेंट्रेटर शेषाद्री श्रीनिवासन ने दिया।
रोमांचक क्षण होता है डेविस कप : गोस्वामी
लखनऊ के विजयंतखण्ड स्टेडियम में चैम्पियनशिप संपन्न होने के बाद मुकुल गोस्वामी ने अपने अनुभव ‘पत्रिका’ से साझा किए। उन्होंने बताया कि टेनिस प्रेमियों के साथ-साथ कॉमेंट्रेटर्स के लिए भी डेविस कप चैम्पियनशिप हमेशा से ही रोमांचक क्षण होता है, जिसमें विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी अपने देश को जिताने में अपना दमखम लगाते हैं।
देखने लायक रहा नज़ारा और माहौल
डेविस कप 2023 में कॉमेंट्री का अनुभव साझा करते हुए मुकुल गोस्वामी ने बताया कि चैम्पियनशिप के दोनों दिन विजयंतखण्ड स्टेडियम का नज़ारा और माहौल देखने लायक था। भारतीय टीम की हौसला अफ़ज़ाई के लिए टेनिस प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंचे थे। हर मैच में भारत के खाते में जब भी कोई पॉइंट मिलता, दर्शक ख़ुशी से झूम उठते। भारतीय दर्शकों ने ‘वन्दे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के ऐसे ज़ोरदार जयकारे लगाए कि उसकी गूंज ने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने का काम तो किया ही, साथ ही पूरे स्टेडियम के माहौल में रंग जमा दिया।
दर्शकों के साथ खुद भी झूम उठे गोस्वामी ने बताया कि भारतीय टीम की हर एक जीत जहां दर्शकों को ख़ुशी दे रही थी, वहीं कॉमेंट्री बॉक्स में बैठी कॉमेंट्री टीम भी रोमांचित हो रही थी। कई बार ऐसे मौके आए जब कॉमेंट्री करते-करते कॉमेंट्रेटर्स खुद भी ख़ुशी से झूम उठे।
करनी होती है विशेष तैयारी
मुकुल गोस्वामी बताते हैं कि चाहे खेल क्रिकेट का हो, फुटबॉल का हो, टेनिस का हो या बैडमिंटन का, हर बड़ी चेम्पियनशिप में कॉमेंट्री पर जाने से पहले विशेष तैयारी करनी ज़रूरी होती है। मुकाबले में शामिल हो रही टीमों से लेकर हर एक खिलाड़ी का व्यक्तिगत ट्रेक रिकॉर्ड रखना, पूर्व के दिलचस्प किस्से, संबंधित खेल की छोटी-बड़ी बारीकियां, नए फॉर्मेट के नियम-कायदे, यहां तक कि टीमों के कोच और फील्ड अंपायर्स या रेफरी तक की जानकारियां रखनी ज़रूरी होती हैं।
राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की कमेंट्री
गौरतलब है कि मुकुल गोस्वामी वर्ष 1993 से अब तक लगातार डेविस कप का आंखो देखा हाल सुना रहे हैं। वे अब तक विश्व कप क्रिकेट, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई खेलों सहित पूर्व में कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में आंखों देखा हाल सुना चुके हैं।