अजमेर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा , बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, करौली, कोटा, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सिरोही और टोंक में कुछ स्थानों पर भारी तथा कुछ एक स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना हैं। शेष जिलों में भी कुछ स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है।
पूर्वी राजस्थान के अधिकतर जिलों में मानसून की बारिश इतनी मेहरबान रही कि शुक्रवार को कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। कई जिलों से जनजीवन प्रभावित होने और कई जगहों पर लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए आर्मी और एनडीआरएफ का सहारा लेना पड़ा।
कोटा के कैथून में आई बाढ़ ( Flood In Kota ) में एनडीआरएफ ने 200 से अधिक फंसे लोगों को राहत पहुंचाई। वहीं कई इलाकों में अभी भी बारिश का दौर चल रहा है, जिससे हालात बेकाबू हो रहे है। प्रदेश के कई बड़े बांध छलकने लगे है। माही में छह गेटों से पानी निकासी हो रही है।
कोटा, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, डूंगरपुर में बाढ़ के हालात पैदा हो गए तो उदयपुर, बांसवाड़ा, जोधपुर, बीकानेर, समेत कई जिले तरबतर है। जयपुर, अलवर, सीकर, झुंझुनूं समेत कई जिलों में भी अच्छी बरसात हुई।
प्रदेश में 94 फीसदी बारिश
राजधानी के साथ प्रदेश में भी बारिश की स्थिति अच्छी बनी हुई है। मानसून के डेढ़ महीना बाकी है और प्रदेश में 94.5 फीसदी बारिश हो चुकी है। महज 6 फीसदी बारिश शेष है। अभी तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में बारिश का आंकड़ा अभी तक के सामान्य से अधिक चल रहा है। प्रदेश में कुल बारिश 501.21 एमएम हो चुकी है, जबकि अभी तक 357.69 एमएम बारिश सामान्य है। यानी 40 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है।