प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग पर केन्द्र सरकार की बेरुखी के बाद राजस्थान सरकार ने प्रोजेक्ट में बदलाव कर इसका दायरा बढ़ाया है। पहले केवल कोटा में नवनेरा बैराज ही बनना था, लेकिन अब बारां के महलपुर और रामगढ़ में भी बैराज बनेगा। यहां से बूंदी, टोंक होते ही बीसलपुर और ईसरदा बांध में पानी पहुंचेगा। जल संसाधन विभाग ने इसकी प्रक्रिया तेज कर दी है। अभी नवनेरा बैराज का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट पूरा होने में 4 से 5 साल का समय लगेगा
इस तरह होगा पानी का रूट
बांरा के महलपुर और रामगढ़ में बैराज बनेगा। यहां से पानी निर्माणाधीन नवनेरा बैराज (कोटा) में पहुंचेगा। यहां बूंदी में इन्द्रगढ़ की पहाड़ी इलाके से होते हुए चाकन बांध में पानी पहुंचाएंगे। इस बांध से टोंक के कुम्हारिया बांध और गलवा बांध तक पानी लाएंगे। यहां से ईसरदा बांध और बीसलपुर बांध में पानी पहुंचेगा। साथ ही चम्बल नदी पर को भी पाइपलाइन के जरिए पार कराया जाएगा। इसमें से जयपुर, अजमेर, टोंक के अलावा बारां, कोटा, बूंदी और दौसा जिले में भी पेयजल और सिंचाई की समस्या दूर होगी।
अभी यहां चल रहा काम
-नवनेरा बांध पर बैराज का निर्माण कार्य चल रहा है। इस पर 600 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
-ईसरदा बांध पर काम, जिस पर 400 करोड़ रुपए का खर्चा।
इस तरह होगा पानी का रूट
बांरा के महलपुर और रामगढ़ में बैराज बनेगा। यहां से पानी निर्माणाधीन नवनेरा बैराज (कोटा) में पहुंचेगा। यहां बूंदी में इन्द्रगढ़ की पहाड़ी इलाके से होते हुए चाकन बांध में पानी पहुंचाएंगे। इस बांध से टोंक के कुम्हारिया बांध और गलवा बांध तक पानी लाएंगे। यहां से ईसरदा बांध और बीसलपुर बांध में पानी पहुंचेगा। साथ ही चम्बल नदी पर को भी पाइपलाइन के जरिए पार कराया जाएगा। इसमें से जयपुर, अजमेर, टोंक के अलावा बारां, कोटा, बूंदी और दौसा जिले में भी पेयजल और सिंचाई की समस्या दूर होगी।
अभी यहां चल रहा काम
-नवनेरा बांध पर बैराज का निर्माण कार्य चल रहा है। इस पर 600 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
-ईसरदा बांध पर काम, जिस पर 400 करोड़ रुपए का खर्चा।
अब यह होगा काम
-बारां पार्वती नदी पर रामगढ़ गांव क्षेत्र और महलपुर में बैराज बनेगा।
-नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा को लिंक किया जाएगा।
13.55 टीएमसी पानी मिलेगा
1. बीसलपुर बांध में 7.71 टीएमसी पानी
2. ईसरदा बांध में 5.84 टीएमसी पानी
(अभी यह बारिश का पानी ओवरफ्लो होकर मध्यप्रदेश की तरफ बह रहा है)
केन्द्र की बेरुखी के बाद काम
-बारां पार्वती नदी पर रामगढ़ गांव क्षेत्र और महलपुर में बैराज बनेगा।
-नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा को लिंक किया जाएगा।
13.55 टीएमसी पानी मिलेगा
1. बीसलपुर बांध में 7.71 टीएमसी पानी
2. ईसरदा बांध में 5.84 टीएमसी पानी
(अभी यह बारिश का पानी ओवरफ्लो होकर मध्यप्रदेश की तरफ बह रहा है)
केन्द्र की बेरुखी के बाद काम
राज्य सरकार ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को अब तक राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने पर ऐसा किया गया है। हालांकि, जब भी इस प्रोजेक्ट में केन्द्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी तय होगी तब इस राशि को उसमें शामिल कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री इस मामले में प्रधानमंत्री और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री को 6 बार पत्र लिख चुके हैं।